वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी फेलोशिप से सम्मानित, सब्जियों की विशिष्ट प्रजातियां विकसित करने में है अहम योगदान 

भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान शाहंशाहपुर अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना (सब्जी फसल) के परियोजना समन्वयक डॉ राजेश कुमार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी की वर्ष 2024 के प्रतिष्ठित फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें सब्जी अनुसन्धान में उनके उत्कृष्ट कार्यों एवं महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया है। 
 

वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान शाहंशाहपुर अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना (सब्जी फसल) के परियोजना समन्वयक डॉ राजेश कुमार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी की वर्ष 2024 के प्रतिष्ठित फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें सब्जी अनुसन्धान में उनके उत्कृष्ट कार्यों एवं महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया है। 

डॉ कुमार का जन्म 1974 में वाराणसी जनपद में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर (बी.एससी.) तथा गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर से ग्रहण की। उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत 1999 में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक के पद से की थी। डॉ राजेश कुमार ने विशिष्ट गुणों वाली सब्जियों की 14 किस्मों, संकर किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें टमाटर में 6, मिर्च में 6 (3 किस्में और 3 संकर) और मटर में 2 किस्में शामिल है। 

उनके प्रयास से विकसित टमाटर की काशी विशेष, मिर्च की संकर किस्में काशी रत्ना व काशी गरिमा तथा मुक्त परागित काशी आभा और मटर की किस्म काशी अगेती से किसान बहुत लाभान्वित हो रहे है। इसके अलावा डॉ कुमार पांच आनुवंशिक स्टॉक (चार टमाटर और एक मटर) का विकास किया। डॉ कुमार ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में कई शोध लेख प्रकाशित किए हैं। उनके उत्कृष्ट कार्यों की वजह से उन्हे यूपी कृषि विज्ञान अकादमी (यूपीएएएस), भारतीय बागवानी विज्ञान अकादमी (आईएएचएस) और भारतीय सब्जी विज्ञान सोसायटी (आईएसवीएस) के फेलो सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 

वर्तमान में वह परियोजना समन्वयक के पद पर देश भर में स्थित 36 नियमित और 24 स्वैच्छिक केन्द्रों पर सब्जी शोध कार्यों का निर्देशन एवं समन्वयन कर रहे हैं। राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी की फेलोशिप से सम्मानित होने की सूचना प्राप्त होने पर संस्थान के वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।