सरदार वल्लभ भाई पटेल को BHU में मिला था डाक्टर आफ लॉ की मानद उपाधि, जयंती पर लगाया गया शोध प्रदर्शनी

 
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सयाजी राव गायकवाड़ ग्रंथालय (सेंट्रल लाइब्रेरी) में सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती एवं राष्ट्रीय एकता दिवस पर आधारित पुस्तकों, पत्रों एवं शोध ग्रंथों का प्रदर्शनी लगाया गया है। प्रदर्शनी में प्रदर्शित पुस्तकों का विषय सरदार पटेल जी का व्यक्तित्व, विचार, जीवन एवं कृतित्व, भारतीय राजनीति में उनका योगदान, स्वतंत्रता संघर्ष एवं आंदोलन में सरदार पटेल जी की सहभागिता, राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता एवं सरदार पटेल के एतिहासिक पत्र इत्यादि को शामिल किया गया हैं।
इस पुस्तक प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण सरदार पटेल जी द्वारा गांधी जी एवं जवाहर लाल नेहरु जी को लिखे गए पत्र एवं छायाचित्र है। इस प्रदर्शनी में 100 पुस्तकों चार शोध पत्र और इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण सरदार पटेल जी के जीवन, उनके भारतीय एकीकरण के प्रयासों एवं उनके भाषण इत्यादि पर आधारित चलचित्र हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर बीएचयू केंद्रीय ग्रंथालय में पांच दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। जो चार नवंबर तक लगेगी। सुबह 10 से शाम 5 बजे तक प्रदर्शनी दुर्लभ ग्रंथ और पांडुलिपि अनुभाग में लगाई जाएगी। इसमें सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व, विचार, जीवन और संघर्ष के बारे में जानने का मौका मिलेगा। मुख्य आकर्षण पटेल द्वारा महात्मा गांधी को लिखे गए पत्र शामिल हैं।
सरदार पटेल हमेशा से ही महात्मा गांधी के करीबी माने जाते थे। 25 नवंबर 1948 में सरदार पटेल को BHU ने डाक्टर आफ लॉ की मानद उपाधि दी थी। जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा था बनारस का आधिकारिक नाम काशी ही हो। लेकिन काशी राज विभूति नारायण सिंह व गोविंद मालवीय के अनुरोध पर सरदार काशी नाम पर राजी थे, मगर वरुणा व असि मिलाकर वाराणसी की अवधारणा सामने आई।