बीएचयू हैदराबाद गेट के पास सड़क बनी नाला, सीवर से होकर गुजरते हैं लोग
- रोजाना बीएचयू के छात्रों व स्थानीय निवासियों का होता है आना-जाना
- नगर निगम व विधायक से की गई शिकायत, तीन साल से जलभराव
- अधिकारियों ने दिया आश्वासन, जल्द कराएंगे समस्या का समाधान
वाराणसी। करौंदी से सुसुवाही मार्ग पर हैदराबाद गेट के पास सड़क नाले में तब्दील हो गई है। लोगों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों से जलभराव की समस्या मुख्य मार्ग पर बनी हुई है। हैदराबाद गेट के ठीक पास आने- जाने वाले लोगों को इस सीवर के पानी से होकर गुजरना पड़ता है। यह मार्ग हाईवे मार्ग से भी जुड़ता है। मार्ग पर कई विद्यालय हैं। रोजाना हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। वहीं बीएचयू के छात्रों का भी आना-जाना लगा रहता है। स्थानीय लोग नगर निगम, विधायक को शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद समस्या जस की तस है।
लोगों का कहना है कि सीवर में आने-जाने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। सीवर के गंदे पानी से बदबू भी काफी तेजी से उठती है। मोहल्ले में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। लोगों का कहना है कि इतनी प्रमुख सड़क होने के बाद भी प्रशासन यहां के जलजमाव के समस्या का निस्तारण नहीं कर पा रहा है।
लोग बोले,
- बीएचयू के पढ़ने वाले विपुल ने कहना है कि ऐसे हाल में तो स्मार्ट सिटी का सपना ही रह जाएगा। पहले यह गांव का क्षेत्र होने के कारण उपेक्षित था, लेकिन अब तो नगर निगम की सीमा में है। सबसे बड़ी बात यहां हजारों की संख्या में छात्र छात्राएं कमरे और लॉज में रहते हैं। जरूरत के सामान के लिए बीएचयू हॉस्टल और आईआईटी से काफी संख्या में आते हैं।
- रमन सिंह कौशिक ने कहा कि हैदराबाद गेट के सामने हम एक छोटा सा व्यापार करते हैं लेकिन जल जमाव की समस्या की वजह से कोई भी ग्राहक हमारी दुकान के पास नहीं आ रहा है पिछले कुछ दिनों से बीएचयू के आने वाले छात्रों की संख्या भी काम हो गई है।
- दीपक ने कहा कि 2015 में इस नाली का निर्माण हुआ था। पीडब्ल्यूडी द्वारा इसे बनाया गया था। इसनली का निर्माण ठीक तरीके से नहीं हुआ है अब मौजूदा समय में नगर निगम और जलकल मिलकर इसे ठीक कर रही हैं। जल्दी इस समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन हम लोग कई वर्षों से इसी उम्मीद में लगे हुए हैं कि यहा जल जमाव का समस्या पूरी तरह से समाप्त हो।
सीवर की समस्या को लेकर आईं 27 हजार कंप्लेन
सीवर सिस्टम के मामले में काशी का हाल देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। सरकार सड़क, सीवर, गली, मोहल्ला और घाटों को चमकाने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही है। इसके बाद भी शहर का सीवर सिस्टम आज भी बिगड़ जा रहा है। यह स्थिति जलकल विभाग में आ रही कंप्लेन बयां कर रही हैं। जलकल के हेल्पलाइन नंबर 8935000976 पर 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 38,185 कंप्लेन आईं। इनमें से 27,019 कंप्लेन सिर्फ सीवर समस्या की थीं। इसके अलावा अन्य चैम्बर, पानी की थीं। एक साल में सीवर पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी 27 हजार लोगों ने शिकायत की है।
एक जोन को सीवर समस्या के समाधान को 30 लाख
सीवर की क्लीनिंग के लिए 2023 में हर एक जोन को 30 लाख रुपये सेंशन हुए थे। शहर में पांच जोन हैं। इनमें भेलूपुर, आदमपुर, कोतवाली, दशाश्वमेध और वरुणापार जोन हैं। इन सभी जोन में सीवर की क्लीनिंग के लिए 1.50 करोड़ रुपये मिले थे। इसके बाद भी सीवर सिस्टम दुरुस्त नहीं हुआ। आम पब्लिक सीवर की समस्या को लेकर परेशान ही रही।
प्रतिदिन कंप्लेन का हो रहा समाधान
जलकल विभाग के सचिव ओपी सिंह ने कहा कि कंप्लेन आने पर सीवर की सफाई की जाती है। शहर में जलकल के सफाईकर्मी भी काम कर रहे हैं। प्रतिदिन शिकायत के निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है।