'शोध छात्र हैं अनशन में शोध कार्य अब बंद करो' के नारों से गुंज उठी महामना की बगिया
 

 

वाराणसी। बीएचयू में नॉन नेट फैलोशिप को 8000 से 25000 बढ़ाने की मांग कर रहे। धरनारत शोध छात्रों ने मंगलवार को विभिन्न संकाय एवं विभागों में भ्रमण कर नारेबाजी करते हुए समर्थन देने की अपील किया। 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में केंद्रीय कार्यालय मुख्य प्रवेश द्वार पर पिछले 22 दिनों से नॉन नेट फैलोशिप बढ़ाने हेतु शोध छात्र अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शोध छात्रों की मांग पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ढुलमुल रवैया अपनाने के कारण  छात्रों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है।

क्रमिक अनशन के पांचवें दिन धर्मशास्त्र मीमांसा विभाग के प्रशांत चतुर्वेदी अनशन पर बैठे। दोपहर दर्जनों शोध छात्र द्वारा संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, विज्ञान संकाय, आयुर्वेद विज्ञान संकाय, कृषि विज्ञान संस्थान, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, पर्यावरणीय धारणिय संस्थान, कला संकाय, दृश्य कला संकाय सहित विभिन्न संकाय एवं विभागों में संपर्क स्थापित कर प्रोफेसर एवं शोध छात्रों से धरना प्रदर्शन में समर्थन देने की अपील की गई।

"शोध छात्र हैं अनशन में शोध कार्य अब बंद करो" के नारों के साथ शोध छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित विभिन्न संकायों और विभागों में संपर्क स्थापित कर उनकी मुहिम के बारे में जानकारी देते हुए समर्थन देने की अपील की गई। इस अवसर पर प्रमुख रूप से कैलाश वर्मा, नितिन भारद्वाज, नीरज तिवारी, पवन दुबे, ऋषभ उपाध्याय, मनमोहन तिवारी, चंद्रकांत सिक्के, अनमोल चंद्र उपाध्याय, अभयशंकर दुबे, रामनारायण यादव, शरदमणी त्रिपाठी, वृंदा पाल राजपूत सहित भारी संख्या में शोध छात्र उपस्थित रहे।