Ramnagar ki Ramlila 2024 : राम-रावण के बीच छिड़ा भीषण युद्ध, देवता भयातुर, रामलीला में युद्ध के प्रसंग का रोचक मंचन
वाराणसी। राम-रावण के बीच भीषण युद्ध छिड़ गया। रावण को पराजित न होता देख देवता भयातुर हो गए और गुफाओं में छिपने की बात सोचने लगे। अंत में रावण जामवंत के प्रहार से मूर्छित हो गया। उसका सारथी उसे महल ले गया। यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर में दर्ज रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला के पच्चीसवें दिन शुक्रवार को राम-रावण युद्ध और रणभूमि के प्रसंग की लीला का प्रभावशाली मंचन किया गया।
रावण द्वारा यज्ञ करने की जानकारी विभीषण श्रीराम को देते हैं। विभीषण श्रीराम से अनुरोध करते हैं कि रावण के यज्ञ को विध्वंस करने के लिए वानर सेना भेजी जाए। श्रीराम की आज्ञा पाकर अंगद और हनुमान लंका जाते हैं और राक्षसों का संहार करते हुए रावण को यज्ञ स्थल पर ललकारते हैं। राक्षस सेना के मारे जाने से भयभीत राक्षस रावण की शरण में आते हैं, जिससे रावण का यज्ञ भंग हो जाता है।
इसके बाद राम और रावण की सेनाएं रणभूमि में एक बार फिर आमने-सामने खड़ी हो जाती हैं। देवताओं के आग्रह पर श्रीराम रावण से शीघ्र युद्ध समाप्त करने का संकल्प लेते हैं। रावण कई मायावी युद्धकलाओं का सहारा लेते हुए श्रीराम पर आक्रमण करता है, लेकिन श्रीराम उनके बाणों को निरंतर काटते रहते हैं। दोनों के बीच भयंकर युद्ध होता है, जहां रावण कहता है कि वह अपने पुत्रों और भाईयों की मृत्यु का प्रतिशोध लेगा।
युद्ध के दौरान श्रीराम के बाण से रावण का सिर बार-बार कटता है लेकिन वह पुनः जीवित हो उठता है। वह अपने बाणों की वर्षा से श्रीराम के रथ को ढक देता है। इस बीच विभीषण रावण की छाती पर गदा से प्रहार करते हैं, जिससे रावण जमीन पर गिर पड़ता है। हनुमान और रावण के बीच भीषण युद्ध होता है, जिसमें रावण को जामवंत की मार से बेहोश कर दिया जाता है और उसका सारथी उसे महल में ले जाता है। राक्षसी त्रिजटा, सीता को युद्ध की जानकारी देती है। सीता विरह में दुखी होती हैं, लेकिन जब उन्हें कुछ सगुन दिखाई देते हैं, तो वह रावण के शीघ्र अंत की संभावना से संतोष पाती हैं। आरती के बाद अद्भुत लीला को विश्राम दिया गया।