जाह्नवी के तट से श्री विश्वनाथ धाम तक हुआ रामार्चन, नमामि गंगे के सदस्यों ने राम दरबार की उतारी आरती

 
वाराणसी। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व भगवान शिव की नगरी काशी राममय होती जा रही है। इसी बीच शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लास छलका। नमामि गंगे और महर्षि योगी विद्याश्रम के वेदपाठी बटुकों ने राम दरबार सजाकर रामार्चन किया। गंगा तट पर हर ओर राम के जयकारे गूंजे।  

राम नाम की धूम के बीच रामध्वजा लहराकर भव्य-दिव्य उत्सव का आवाह्न किया गया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के संयोजन में श्रीराम दरबार की झांकी के साथ गंगा तट और श्रीकाशी विश्वनाथ धाम तक निकली रामार्चन यात्रा से प्रभु श्री राम को नमन किया गया। नमामि गंगे के सदस्य श्री राम दरबार के स्वरूप संग ढोलक, झाज-मजीरों के ताल पर जय सियाराम जय जय सियाराम, ॐ नमः शिवाय- हर हर महादेव का मार्ग पर्यंत कीर्तन करते हुए चल रहे थे। 

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि श्री राम भारतीय संस्कृति के स्रोत हैं। अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मंदिर का निर्माण देश में सद्भाव, समन्वय, समरसता तथा सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाने का अत्यंत सजीव और सशक्त अवसर है। राम मंदिर की पुनर्स्थापना के पश्चात भारत की संस्कृति विश्व शांति का संदेश देगी। 

कार्यक्रम में महानगर प्रभारी पुष्पलता वर्मा श्री राम, अमीषा सिंह सीता जी, अनय वर्मा लक्ष्मण, अनवी वर्मा हनुमान जी के स्वरूप में रहे। महानगर सहसंयोजक सारिका गुप्ता, महानगर सहसंयोजक बीना गुप्ता, कीर्तन बरनवाल, पूजा मौर्या, कमलेश वर्मा सहित महर्षि योगी विद्याश्रम सिद्धेश्वरी के बटुक शामिल रहे।