पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के सीएमएस को हटाने को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, चिकित्सालय की गिरती रैंकिंग पर जताई चिंता
चिकित्सालय के 73 कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र जिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया गया था। इसके बाद छह सदस्यीय संघर्ष समिति का गठन कर विरोध प्रदर्शन को संगठित किया गया। समिति ने सर्वसम्मति से गुरुवार से वीआईपी ड्यूटी का बहिष्कार कर रही है। इसके अलावा हर पांचवें दिन प्रदर्शन को विस्तार देते हुए पीएम ड्यूटी, वार्ड ड्यूटी और दो घंटे के ओपीडी बहिष्कार का कार्यक्रम लागू किया जाएगा।
संघर्ष समिति के अनुसार, पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पहले उत्तर प्रदेश के शीर्ष अस्पतालों में से एक था और इसे राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता का प्रमाणपत्र मिला था। लेकिन पिछले डेढ़ वर्षों में इसकी रैंकिंग प्रदेश में 32वें स्थान पर पहुंच गई है। समिति का आरोप है कि डॉ. दिग्विजय सिंह की अक्षमता और अव्यवहारिक निर्णय इसके लिए जिम्मेदार हैं।
संघर्ष समिति ने अपील की है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल हटाया जाए ताकि चिकित्सालय की स्थिति को बेहतर बनाया जा सके। कर्मचारियों का कहना है कि इस कदम से चिकित्सालय को फिर से उसकी प्रतिष्ठा और उत्कृष्टता हासिल करने में मदद मिलेगी।
आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कर्मचारियों ने विरोध कार्यक्रम को क्रमिक रूप से बढ़ाने की योजना बनाई है। यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो कर्मचारियों द्वारा और कठोर कदम उठाने की संभावना है।