अजय शर्मा की गिरफ्तारी पर काशी में विरोध, श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास ने धर्मस्थलों से मूर्तियों को हटाने का लिया संकल्प
वाराणसी। छोटी पियरी स्थित वेद भवन में रविवार को श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पं. अजय शर्मा की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की गई और उनकी अविलंब रिहाई की मांग की गई। न्यास के सदस्यों ने इसे समाज के धार्मिक अधिकारों पर हमला करार दिया और इसे लेकर नगर में व्यापक विरोध करने का संकल्प लिया।
बैठक में न्यास के सदस्यों ने चर्चा किया कि काशी के हिंदू मंदिरों में मुस्लिम मूर्तियों की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने "साईं बाबा" और "श्याम मियां" जैसी मूर्तियों को मंदिरों से हटाने का आह्वान किया और इस मुहिम को गांधीवादी तरीके से चलाने की योजना बनाई। न्यास के सदस्यों ने यह भी कहा कि यदि इन मूर्तियों को नहीं हटाया गया, तो वे नगर के हर मंदिर में जाकर इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक करेंगे, प्रमाण देंगे और मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने के लिए शांतिपूर्ण प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं के रूप में अनिल सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी, एस. के. द्विवेदी, राकेश तिवारी, मार्कंडेय तिवारी, और आशुतोष भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त किए। मातृशक्ति की ओर से वंदना रघुवंशी, सुषमा शुक्ला, सोनी चक्रवाल, पूजा शर्मा, कविता मालवीय, और रेणु देवी ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के प्रबंधक डॉ. राम प्रसाद सिंह ने किया, जिसमें न्यास के अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष संजीव चंद त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष सुनील अग्रवाल, सचिव बांकेलाल, धर्माचार्य प्रमुख पं. अजय शास्त्री, आशीष कुमार गुप्ता, ओम जायसवाल, लक्ष्मी गुप्ता और संगीता मोदनवाल सहित बड़ी संख्या में धर्म योद्धा उपस्थित रहे।
बैठक में पांच प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा हुई:
1. पं. अजय शर्मा की गिरफ्तारी की निंदा की गई।
2. उनकी अविलंब रिहाई के लिए शासन-प्रशासन से अपील की गई।
3. काशी के शिवालयों और देवस्थानों की पवित्रता बनाए रखने के लिए संतों और महंतों से अपील की गई।
4. देवस्थान बोर्ड की स्थापना की मांग की गई, ताकि काशी की धार्मिक पहचान सुरक्षित रह सके।
5. सभी सनातनी संस्थाओं और संगठनों से एकजुट होकर धर्म की रक्षा के लिए सहयोग करने की अपील की गई।
सभा के अंत में सभी ने एकजुट होकर इस मुहिम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और अजय शर्मा की रिहाई के लिए संघर्ष जारी रखने का वचन दिया।