इंडोनेशिया में यूरोजाजी एसोसिएशन आफ एशिया कांफ्रेंस, बीएचयू के प्रोफेसरों को किया सम्मानित 

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर समीर त्रिवेदी और सहायक प्राध्यापक डॉ. यशस्वी सिंह ने 5 से 8 सितंबर तक बाली, इंडोनेशिया में आयोजित Urological Association of Asia Congress में भारत का मान बढ़ाया। इस प्रतिष्ठित आयोजन में एशिया के 600 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, और अमेरिका के विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट भी शामिल हुए। बीएचयू के दोनों डॉक्टरों को सम्मानित करने के साथ ही एशियाई देशों के साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया गया। 
 

वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर समीर त्रिवेदी और सहायक प्राध्यापक डॉ. यशस्वी सिंह ने 5 से 8 सितंबर तक बाली, इंडोनेशिया में आयोजित Urological Association of Asia Congress में भारत का मान बढ़ाया। इस प्रतिष्ठित आयोजन में एशिया के 600 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, और अमेरिका के विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट भी शामिल हुए। बीएचयू के दोनों डॉक्टरों को सम्मानित करने के साथ ही एशियाई देशों के साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया गया। 

प्रोफेसर समीर त्रिवेदी ने अपने व्याख्यान में reconstructive urology और endourology के क्षेत्र में अपने व्यापक अनुभव को साझा किया। उन्होंने विशेष रूप से यूरेटेरिक स्टोन और महिलाओं की मूत्रनली की सिकुड़न के उपचार पर गहन चर्चा की। उन्होंने Thulium fibre laser से यूरोलॉजिकल सर्जरी के प्रबंधन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, प्रो. त्रिवेदी ने दक्षिण एशिया में युवा मूत्ररोग विशेषज्ञों के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि रोगी देखभाल को और बेहतर किया जा सके।

सहायक प्राध्यापक डॉ. यशस्वी सिंह ने प्रोस्टेट कैंसर के प्रबंधन में माइक्रो आरएनए की भूमिका पर अपना शोध प्रस्तुत किया। डॉ. सिंह और उनकी टीम, जिसमें आईएमएस बीएचयू के आणविक जीवविज्ञान के प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह भी शामिल हैं। प्रोस्टेट कैंसर के लिए जिम्मेदार माइक्रो आरएनए लक्ष्यों की खोज में लगी हुई है। उनका अनुसंधान पूर्वांचल और उत्तर भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद कैंसर रोगियों की मदद करना है।