मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना कारगर, उठाएं लाभ
वाराणसी। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में बेहद सहायक है। धात्री महिलाओं तथा बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ ही पोषण प्रदान करने में कारगर है। जिले में दो जनवरी से ‘विशेष पंजीकरण अभियान’ की शुरुआत की गई थी। यह अभियान 16 जनवरी तक चलेगा। ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों का पंजीकरण कराकर योजना का लाभ दिलाया जा सके।
सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार योजना के अंतर्गत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पहले बच्चे एवं दूसरा बच्चा (लड़की) होने पर लाभ दिए जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण पर जोर दिया जा रहा है। इस पखवाड़े के दौरान जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।
लाभ के लिए पंजीकरण अनिवार्य
योजना के नोडल अधिकारी व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि गर्भधारण से 570 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जा सकता है। पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के लिए मिलने वाली धनराशि दो किस्तों में देय होगी। इसमें प्रथम किस्त में 3000 रुपये व द्वितीय किस्त में 2000 रुपए के रूप में लाभार्थी के पंजीकृत बैंक खाते में भेजे जाते हैं। सरकार की नई व्यवस्था के अन्तर्गत दूसरी संतान बालिका होने पर धनराशि 6000 रुपये एकमुश्त दी जाएगी। इसमें शिशु के जन्म से 270 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जा सकता है। दूसरी संतान बालिका का यदि एक अप्रैल 2022 को या उसके बाद जन्म हुआ हो तो इस दशा में पंजीकरण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जनपद में सितंबर 2023 से अब तक लगभग 10 हजार लाभार्थी महिलाओं का पंजीकरण हो चुका है।
पंजीकरण के लिए इनसे करें संपर्क
योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि योजना में पंजीकरण प्रक्रिया व उससे जुड़ी जानकारी के लिए अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क किया जा सकता है। पीएमएमवीवाई वर्जन 2.0 योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन pmmvy.wcd.gov.in पर किया जा सकता है। गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ‘पीएम योजना एप’ को डाउनलोड कर लाभार्थी स्वयं पंजीकरण कर सकती हैं।
लाभार्थी के पास प्रमाणपत्र जरूरी
लाभार्थी पात्रता के लिए अपलोड किए जाने वाले प्रमाणपत्रों में से कोई एक लाभार्थी के पास होना जरूरी है।
1- महिलाएं जिनकी कुल वार्षिक आय रुपये आठ लाख प्रति वर्ष से कम हो।
2- मनरेगा जॉब कार्ड धारक महिला।
3- महिला किसान जो किसान सम्मान निधि की लाभार्थी हो।
4- ई-श्रम कार्ड धारक महिलाएं।
5- आयुष्मान भारत के अन्तर्गत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) लाभार्थी महिलाएं।
6- बीपीएल राशन कार्ड धारक महिलाएं।
7- महिलाएं जो आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) या पूर्णतः दिव्यांग हों।
8- अनुसूचित जाति (एससी) महिलाएं।
9- अनुसूचित जनजाति (एसटी) महिलाएं।
10- गर्भवती एवं धात्री महिला आंगनबाड़ी वर्कर / आंगनबाड़ी सहायिका / आशा कार्यकर्ता।
11- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत राशन कार्ड लाभार्थी महिलाएं।