पुलिस भर्ती परीक्षा: धोखाधड़ी के मामले में आरोपित को राहत, एक लाख रुपए के लिए देने पहुंचा था एग्जाम

 
वाराणसी। पुलिस भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी कर अपने स्थान पर दूसरे को भेजकर परीक्षा दिलाने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अनिल कुमार पंचम की अदालत ने बलिया निवासी आरोपित प्रवीण कुमार यादव को 25-25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही नियमित जमानत के लिए अगली तिथि 7 जून नियत कर दी। इसके पूर्व आरोपित ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव, अजय पाल व सौरभ यादव के जरिए कोर्ट में आत्मसर्मपण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी।

प्रकरण के अनुसार, काशी इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मिजार्मुराद में चार फरवरी 2024 को पुलिस भर्ती परीक्षा आयोजित की गयी थी। इस परीक्षा में परीक्षार्थी प्रवीण कुमार यादव के नाम पर एक अन्य आरोपित गोरखपुर निवासी आशीष त्रिपाठी असिस्टेंट रेडियो ऑपरेटर की परीक्षा देने पहुंचा था। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात परीक्षा प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने जब उक्त छात्र की बायोमेट्रिक अटेंडेंस के साथ ही आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट का मिलान किया जाने लगा तो आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट मिसमैच पाया गया। 

शक होने पर जब परीक्षा प्रभारी द्वारा उससे पूछताछ की गयी तो पकड़े गये युवक ने अपना नाम आशीष त्रिपाठी निवासी गोरखपुर बताया। पूछताछ में उसने बताया कि वह प्रवीण कुमार यादव के स्थान पर वहां परीक्षा देने के लिए आया था। जिसके एवज में उसे एक लाख रुपए मिलने हैं। अभी उसे दो हजार रुपए भाड़ा व खाने-पीने का खर्च दिया गया है। प्रवीण कुमार यादव का आधार कार्ड मैने ले लिया था और उसे एडिट करके उसके आधार पर परीक्षा देने आया हूं। इसके बाद परीक्षा प्रभारी ने उसे मिजार्मुराद पुलिस के हवाले कर दिया। जहां पूछताछ के बाद मिजार्मुराद थाने में परीक्षा प्रभारी के तहरीर के आधार पर आशीष त्रिपाठी व प्रवीण कुमार यादव के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।