पीएम ने जीआई अथराइज्ड यूजर को दिया प्रमाणपत्र, बोले, मैं बुनकरों का ब्रांड एंबेसडर
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को करखियांव में जनसभा के दौरान हस्तशिल्पियों व बुनकरों को जीआई अथराइज्ड यूजर का प्रमाणपत्र दिया। पीएम के हाथों सर्टिफिकेट पाकर बुनकरों और हस्तशिल्प कारोबारियों के चेहरे खिल गए। 2003 में जीआई कानून बनने के बाद पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने अपने हाथ से इस तरह प्रमाणपत्र का वितरण किया। प्रधानमंत्री ने खुद को बुनकरों का ब्रांड एंबेसडर बताया।
पीएम ने वाराणसी वुडेन लेकर वेयर एंड टॉयज की खोजवा निवासी अमृता सिंह, बनारस जरदोजी के कोटवा निवासी जमालुदीन अंसारी, बनारस हैंड ब्लॉक प्रिंट के हुकुलगंज निवासी श्रीकांत मिश्रा, बनारस गुलाबी मीनाकारी की लाल घाट, गाय घाट निवासी सत्या सिंह और वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली क्राफ्ट के रामनगर निवासी सिद्धार्थ मौर्या को प्रमाणपत्र दिया। इस पर जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री रजनीकांत ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत में जीआई पंजीकरण और पोस्ट जीआई गतिविधियों में तेजी प्रदान करेगी। जल्द ही भारत में जीआई पंजीकृत उत्पादों की संख्या 1000 के पार हो जाएगी और अकेले उत्तर प्रदेश में 150 से अधिक जीआई टैग होगा।
बताया कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2014 के पहले वाराणसी क्षेत्र में मात्र 2 जीआई उत्पाद थे। 2023 तक 18 जीआई उत्पाद हो गए हैं। 2024 के अंत तक 13 और जीआई टैग मिलने जा रहा है। कहा कि यह अभूतपूर्व बदलाव काशी और आसपास के जनपदों में भारत की बौद्धिक संपदा और संमृद्ध विरासत से लोकल से ग्लोबल कर रहा है। वाराणसी परिक्षेत्र के सभी जीआई टैग में अभी तक कुल 2000 से अधिक शिल्पियों, बुनकरो, उत्पादकों, निर्यातकों, ट्रेडर को जीआई ऑथराइज्ड यूजर के रूप में पंजीकरण हो चुका है। लगभग 1000 लोगो का आवेदन भी हो चुका है।