बनारस में भिखारियों से राहगीर परेशान, महिलाओं समेत बच्चे और बूढ़े भी मांग रहे भीख
वाराणसी। काशी की शोभा को देश समेत विश्व पटल पर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। बावजूद इसके शहर में बड़ी संख्या में भिखारी शहर की सूरत बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। प्रशासन के ओर से भी शहर को भिखारी मुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बावजूद इसके इन भिखारियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है।
चौकाघाट, अन्धरापुल, कैंट समेत कई क्षेत्रों में फ्लाईओवर के नीचे इनका कब्ज़ा है। सुबह से शाम तक ये उसी के आसपास राहगीरों से भीख मांगते हैं और अपनी आजीविका चलाते हैं। फ्लाईओवर के नीचे चाहे वह खाली जगह हो, या स्मार्ट सिटी की दुकानें, इनके कारण गंदगी का माहौल बना रहता है। स्मार्ट सिटी की खाली पड़ी दुकानों में तो गन्दगी का अंबार लगा हुआ है। इन भीख मांगने वालों में पुरुष, महिलाएं और हर उम्र के बच्चे भी शामिल हैं। चौकाघाट से कैंट तक इनकी भीख मंगई से लोग परेशान हो रहे हैं। ये लोग राहगीरों को अपना निशाना बनाते हैं। जब चौराहे पर राहगीरों के रुकने के दौरान ये लोग जबरन भीख मांगते हैं और न देने पर जबरदस्ती पर उतर आते हैं।
यह कहानी अब रोज की बन गई है। ऐसा ही एक विडियो livevns की टीम के पास आया है। जब एक भिखारी महिला शराब के नशे में अपने बच्चे को नाटक करने और भीख मांगने की ट्रेनिंग दे रही थी। अभी तक उसका बच्चा ठीक ठाक अवस्था में था। उसकी उम्र लगभग यही कोई 6-7 वर्ष रही होगी। देखते ही देखते भिखारी महिला और उसका बेटा अंधरापुल रेलवे पुलिया के नीचे बैठ कर भीख मांगने लगे। जहां महिला ने पूछने पर बताया कि उसका बच्चा मर गया है। उसके लिए उसे पैसे चाहिए। इतना ही नहीं, महिला से जब शराब पीने को लेकर सवाल किया गया तो, वह भड़क गई। पुलिस को बुलाने का कहने पर उसने कहा, ‘जाओ बुला लो पुलिस को...’
इन भीखमंगों से राहगीर ही नहीं, बल्कि चौराहों पर ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक और सिविल पुलिसकर्मी भी परेशान हैं। एक ट्रैफिक के पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इनके कारण कई बार एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ जाती हैं। बच्चे, बड़े, महिलाएं सभी भीख मांगने में माहिर हैं। ये लोग ऑटो वगैरह में लोगों के पांव पकड़कर लटक जाते हैं। जिससे दुर्घटनाओं की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन की ओर से इन पर लगाम लगाए जाते हैं, लेकिन ये कुछ दिनों बाद वापस आ जाते हैं। बनारस में इनका पूरा गिरोह सक्रिय है।
भीखमंगों के इस तरह के कृत्य सामने आई है। हमने खुद वहां जाकर इसका पता लगाया है। जल्द ही हम अपने संस्था के माध्यम से इस पर जल्दी ही एक अभियान चलाकर प्रशासन को इससे अवगत कराएंगे।
- संतोषी शुक्ला, अध्यक्षा, दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान।
हमारी संस्था इस विषय पर काफी समय से काम कर रही है। जल्दी ही इस मामले में विभागीय अधिकारियों से मिलकर उन्हें इससे अवगत कराया जाएगा।
- सीमा चौधरी, अध्यक्षा, युवा फाउंडेशन।