ऑपरेशन सिंदूर : काशी के अधिवक्ताओं ने निकाला विजय जुलूस, बांटी मिठाई
वाराणसी। भारतीय सेना द्वारा मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता से काशी के अधिवक्ता उत्साहित हैं। इस ऑपरेशन में सेना ने नौ आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से ध्वस्त किया, जिसके बाद वाराणसी के अधिवक्ताओं ने विजय जुलूस निकालकर अपनी खुशी का इजहार किया।
तिरंगा लेकर निकाला जुलूस
रात करीब एक बजे अधिवक्ता हाथों में तिरंगा लेकर बनारस बार के सभागार में एकत्र हुए। 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम', 'भारतीय सेना जिंदाबाद', 'हिंदुस्तानी सेना जिंदाबाद' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारों के साथ उन्होंने दीवानी कचहरी परिसर में जुलूस निकाला। जुलूस सर्किट हाउस से होता हुआ डीएम पोर्टिको पहुंचा, जहां एक सभा का आयोजन किया गया।
मोदी सरकार को धन्यवाद
सभा में वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना की इस कार्रवाई की जमकर सराहना की। बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने कहा, "देश पाकिस्तान को तीन टुकड़ों में बंटते देखना चाहता है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत में वापस लाना चाहता है। यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव है।" उन्होंने सरकार से भारतीय जनमानस की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सेना को इस दिशा में और कदम उठाने का आदेश देने की मांग की।
बांटी गई मिठाई
जुलूस के बाद बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय और गौतम झा ने भारतीय सेना के पराक्रम पर खुशी जाहिर करते हुए अधिवक्ताओं को मिठाई बांटी। इस दौरान अधिवक्ताओं ने सेना के साहस और सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की प्रशंसा की। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने न केवल देशभर में उत्साह का माहौल पैदा किया है, बल्कि काशी जैसे शहरों में भी राष्ट्रवाद की भावना को और मजबूत किया है। अधिवक्ताओं का यह जुलूस और उत्साह भारतीय सेना के प्रति उनके अटूट समर्थन को दर्शाता है।
जुलूस में शामिल रहे ये अधिवक्ता
विजय जुलूस में बनारस बार के अध्यक्ष सतीश तिवारी, महामंत्री शशांक श्रीवास्तव, सेंट्रल बार के महामंत्री राजेश गुप्ता, पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय, गौतम झा, अजय शर्मा, राजेश प्रसाद सिंह, ब्रजेश मिश्रा, सुरेंद्र पांडे, पूर्व उपाध्यक्ष विनीत कुमार, मनीष सिंह लड्डू, मुकेश कुमार मिश्रा, संदीप चंदेल, कुंजन सिंह राणा, अंकित पांडे, सुधीर पाल मुन्ना, संजय लालवानी और अविनाश सिंह निशु समेत कई अधिवक्ता शामिल रहे।