BHU में 'एन इनविटेशन टू स्वयम: आफरिंग कोर्सेज थ्रू एनपीटीईएल' विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय की नवसृजित 'स्वयम एग्जीक्यूटिव कमेटी' द्वारा स्वतंत्रता भवन के सीनेट सभागार में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के लिए 'एन इनविटेशन टू स्वयम: आफरिंग कोर्सेज थ्रू एनपीटीईएल' विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
भारतरत्न पंडित मदन मोहन मालवीय को पुष्पांजलि अर्पित करने व कुलगीत के पश्चात 'स्वयम बीएचयू' के संयोजक डॉ. आशुतोष मोहन ने कार्यशाला में आमंत्रित विषय विशेषज्ञों प्रो. एंड्रयू थांगराज व भारती बालाजी का स्वागत किया। प्रो. एंड्रयू थांगराज आईआईटी मद्रास एनपीटीईएल के संयोजक हैं तथा भारती बालाजी आईआईटी मद्रास एनपीटीईएल की मुख्य कार्यक्रम अधिकारी हैं।
कार्यशाला की विषय रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए डॉ. आशुतोष मोहन ने कहा कि ऑफलाइन शिक्षा के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। अभी केवल विज्ञान संस्थान तथा पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के पाठ्यक्रम में ही 'स्वयम' के कोर्स शामिल हैं। इसे विश्वविद्यालय के सभी विभागों तक पहुंचाने की योजना है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए विषय विशेषज्ञ प्रो. एंड्रयू थांगराज ने कहा कि पहले शिक्षा के लिए भूमि या स्कूल की जरूरत पड़ती थी। परंतु अभी दुनिया इंटरनेट पर है और हमें दुनिया से जुड़ने के लिए इंटरनेट पर होना पड़ेगा। प्रो. थांगराज ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 135 विभागों के प्राध्यापक और अंतर्अनुशासनात्मक विषय विशेषज्ञों की उपलब्धता के कारण विश्वविद्यालय के लिए ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि पूरे भारत में अभी हर वर्ष लगभग 85 लाख छात्र ही स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं। सरकार उच्च शिक्षा में युवाओं की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए "स्वयम" जैसे ऑनलाइन माध्यम अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं, जिसमें बीएचयू एक सशक्त भागीदार बन सकता है। शिक्षा के लोकतंत्रीकरण एवं अवसर की समानता के क्षेत्र में भी "स्वयम" जैसे माध्यमों के द्वारा युगांतरकारी परिवर्तन लाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 'स्वयम' पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान, प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, ललित कला, विधि, चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। अभी अधिकतर उपलब्ध पाठ्यक्रम प्रौद्योगिकी से संबंधित है, इसका विस्तार सभी क्षेत्र में किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने एनपीटीईएल की अकादमिक एवं तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की तथा बताया कि किस तरीके से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राध्यापक "स्वयम" के माध्यम से ऑनलाइन कोर्स शुरू करने में अपना योगदान दे सकते हैं।
गृह विज्ञान की प्रो. गरिमा उपाध्याय, जापानी भाषा विभाग की डॉ. चांदनी, जीवरसायन विभाग के डॉ. अंकुश आदि के प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का विशेषज्ञ भारती बालाजी ने समाधान किया तथा "स्वयम" पर उपलब्ध विभिन्न कोर्सेज की एक प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया। कार्यशाला में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सभी संकायों एवं विभागों से प्राध्यापक उपस्थित थे। कार्यशाला का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग की डॉ. नेहा पाण्डेय (सदस्य स्वयम एग्जीक्यूटिव कमेटी बीएचयू) ने किया। कार्यशाला की औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा संकाय के डॉ. पंकज सिंह (उपसंयोजक स्वयम बीएचयू) ने किया।