अनंत चतुर्दशी के दिन मां लक्ष्मी के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, धागा पूजन कराकर बांधने का है विशेष महत्व 

काशी के लक्खा मेला में शुमार सोरहिया अनुष्ठान इस समय चल रहा है। अनंत चतुर्दशी के दिन मंगलवार को माता लक्ष्मी के दर्शन-पूजन को श्रद्धालु लक्ष्मीकुंड स्थित माता लक्ष्मी के दर्शन-पूजन को उमड़े। इस दौरान माता का विधिविधान से दर्शन-पूजन के साथ धागा प्राप्त किया। ऐसी मान्यता है कि धागा का पूजन कराकर बांधने से विशेष फल मिलता है।  
 

वाराणसी। काशी के लक्खा मेला में शुमार सोरहिया अनुष्ठान इस समय चल रहा है। अनंत चतुर्दशी के दिन मंगलवार को माता लक्ष्मी के दर्शन-पूजन को श्रद्धालु लक्ष्मीकुंड स्थित माता लक्ष्मी के दर्शन-पूजन को उमड़े। इस दौरान माता का विधिविधान से दर्शन-पूजन के साथ धागा प्राप्त किया। ऐसी मान्यता है कि धागा का पूजन कराकर बांधने से विशेष फल मिलता है।  

अनंत चतुर्दशी के अवसर पर लक्ष्मी कुंड स्थित मां लक्ष्मी जी के मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही। मां लक्ष्मी धन की देवी कही जाती हैं। आज के दिन मां लक्ष्मी के दर्शन करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। लक्ष्मी मंदिर के महंत ने बताया कि आज अनंत चौथ का मतलब अनंत 14 धागा से लिया जाता है, जिसका पूजन करवाकर माताएं अपने घर में पूजा करवा कर घर के सभी सदस्यों को बांधती हैं। 

 

उन्होंने धागा पूजन से मां भगवती और भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है। कहा कि आज ही के दिन से रामनगर की रामलीला की शुरुआत होती है। अनंत चतुर्दशी कई वर्षों से अपने काशी में प्रचलित है। यह परंपरा वर्षों से निभाई जा रही है। यहां भक्त आते हैं और अनंत चतुर्दशी की पूजा करवा कर धागा ले जाकर अपनी बाहों पर साल भर तक बांधे रहते हैं। अगले साल पूजा के समय इसका विसर्जन करके फिर नया धागा बांधते हैं। इसे बाधने से सारी मन्नतें पूर्ण होती हैं।