वाराणसी में कारगर साबित हो रहा पोषण मिशन, एनआरसी से स्वस्थ होकर लौटे 100 अतिकुपोषित बच्चे
वाराणसी। जिले में पोषण मिशन कारगर साबित हो रहा है। एनआरसी से 100 अतिकुपोषित बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर लौटे। अभियान की सार्थकता से जहां परिजन खुश हैं, वहीं अधिकारी भी गदगद हैं। सरकार कुपोषण से जंग जीतने के लिए पोषण मिशन चला रही है।
अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित कर डीडीयू राजकीय चिकित्सालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाता है। स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग के संयुक्त समन्वय से संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में आरबीएसके टीम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गंभीर अति कुपोषित (सैम) बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि एनआरसी वार्ड में आधुनिक सुविधाएं हैं। बच्चों के खेलने के लिए खिलौने व टीवी भी है। गर्मियों में एसी, पंखे और सर्दियों में रूम हीटर की व्यवस्था रहती हैं।
एनआरसी के प्रभारी डॉ सौरभ सिंह ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र एक ऐसी सुविधा है जहां से जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे जिनमें चिकित्सकीय जटिलताएं होती हैं, उन्हें चिकित्सकीय सुविधाएं मुफ्त में प्रदान की जाती हैं। 10 बेड युक्त एनआरसी में 14 दिन तक बच्चों का इलाज व पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है। बच्चों को दिन रात उपचार और पोषण आहार का ध्यान रखा जाता है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 122 बच्चों को भर्ती किया गया, जिसमें करीब 100 बच्चों का उपचार पूरा कर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। इस माह अब तक 16 बच्चों को भर्ती किया जा चुका है। डॉ सौरभ ने बताया कि डिस्चार्ज होने के बाद भी बच्चों का चार बार फॉलो अप भी किया जाता है। इस दौरान अभिभावक को निर्धारित भत्ता भी दिया है।
प्रोटीन व विटामिन युक्त आहार के साथ मिलते हैं सूक्ष्म पोषक तत्व
एनआरसी की डायटीशियन विदिशा शर्मा ने बताया कि वार्ड में सैम बच्चों को कम से कम 14 दिन या अधिकतम 21 दिन तक भर्ती करके निःशुल्क उपचार किया जाता है। उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जैसे दूध से बना हुआ अन्नाहार, खिचड़ी व एफ-100 एवं प्रारम्भिक दुग्धाहार - एफ़ 75, दलिया, हलवा, फल इत्यादि के साथ में दवा एवं सूक्ष्म पोषण तत्व जैसे आयरन, विटामिन ए, जिंक, मल्टी विटामिन आदि भी दिया जाता है।