प्रयागराज में राष्ट्रीय सेमिनार, केविके के वैज्ञानिकों ने बताई मधुमक्खी पालन की विधि, हुई सराहना

सैम हिंगिंगबॉटम राज्य कृषि विश्वविद्यालय, नैनी, प्रयागराज एवं उपकार, लखनऊ के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसकी थीम मधुमक्खी पालन में हालिया प्रगति थी। इस पर कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिया। इस दौरान मधुमक्खी पालन पर विचार रखे। केविके के वैज्ञानिकों के व्याख्यान की सराहना की गई। 
 

वाराणसी। सैम हिंगिंगबॉटम राज्य कृषि विश्वविद्यालय, नैनी, प्रयागराज एवं उपकार, लखनऊ के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसकी थीम मधुमक्खी पालन में हालिया प्रगति थी। इस पर कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिया। इस दौरान मधुमक्खी पालन पर विचार रखे। केविके के वैज्ञानिकों के व्याख्यान की सराहना की गई। 

कल्लीपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार सिंह ने सतत विकास के लिए अच्छी मधुमक्खी पालन प्रथाएं विषय पर एवं डॉ. प्रतीक्षा सिंह ने "शहद का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन" विषय पर व्याख्यान दिया। मुख्य वक्ता के रूप में सेमिनार में प्रतिभाग कर रहे कृषि विज्ञान केंद्र, वाराणसी के वैज्ञानिकों ने मधुमक्खी पालन के वैज्ञानिक पद्धति, इससे मिलने वाले उत्पाद जैसे शहद, पराग, प्रोपोलिश, मोम, राज अवलेह, मौनविष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसके संस्करण एवं मुलसम्वर्धन पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। वैज्ञानिकों के व्याख्यान की सराहना फीडबैक के रूप में प्रतिभागियों ने दिया। 

सेमिनार में कई प्रदेशों के सैकड़ो संख्या में विधार्थी, वैज्ञानिक और किसानो ने प्रतिभाग किया। केंद्र पर प्रशिक्षण ले रही छात्रा शिवानी सिंह द्वारा इस सेमिनार में पोस्टर प्रस्तुतीकरण दिया। राष्ट्रीय सेमिनार की अध्यक्षता विश्वविद्याय के कुलपति राजेंद्र बी लाल ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में महानिदेशक- उपकार, लखनऊ डॉ. संजय सिंह तथा विशिष्ठ अतिथि अपर निदेशक कृषि प्रसार डॉ. राम रतन सिंह उपस्थित रहे। इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुबंशी, डॉ. नविन, श्रीप्रकाश, डॉ. अमितेश, डॉ. मनीष सहित कर्मचारी राणा पियूष, अरविंद गौतम ने शुभकामना देते हुए ख़ुशी व्यक्त किया।