काशी में हुई संतों के मार्गदर्शक मंडल की बैठक, हिंदू समाज की चुनौतियों पर मंथन

धर्मांतरण, लव-जिहाद और सामाजिक समरसता के लिए संतों का विराट संकल्प विश्व हिंदू परिषद काशी प्रांत के तत्वावधान में शुक्रवार को धर्म संघ मंडल काशी में संतों के मार्गदर्शक मंडल की बैठक श्रृंगवेरपुर, प्रयागराज के संत जयराम दास जी की अध्यक्षता में हुई। इसमें समाज में बढ़ते धर्मांतरण, लव-जिहाद, परिवारों में संस्कारों की कमी और सामाजिक समरसता समेत हिंदू समाज की चुनौतियों के मुद्दों पर गहन मंथन किया गया। 
 

वाराणसी। धर्मांतरण, लव-जिहाद और सामाजिक समरसता के लिए संतों का विराट संकल्प विश्व हिंदू परिषद काशी प्रांत के तत्वावधान में शुक्रवार को धर्म संघ मंडल काशी में संतों के मार्गदर्शक मंडल की बैठक श्रृंगवेरपुर, प्रयागराज के संत जयराम दास जी की अध्यक्षता में हुई। इसमें समाज में बढ़ते धर्मांतरण, लव-जिहाद, परिवारों में संस्कारों की कमी और सामाजिक समरसता समेत हिंदू समाज की चुनौतियों के मुद्दों पर गहन मंथन किया गया। 


विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा कि हिंदू समाज के समक्ष कई चुनौतियां हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए पूज्य संतों का मार्गदर्शन हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। संतों ने हिंदू धार्मिक स्थलों जैसे काशी विश्वनाथ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति पर भी चिंतन किया। वर्तमान में हिंदू धार्मिक यात्राओं पर हो रहे हमलों से आहत है, और संतों ने समाज को इन मुद्दों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। बांग्लादेश में हाल की घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि धर्म और संस्कृति की रक्षा हो सके। जनसंख्या असंतुलन और समान कानून के मुद्दे पर भी संतों ने सरकार से चर्चा करने की बात कही। 

महाकुंभ 2025 में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जहां धर्मांतरण, लव-जिहाद, संस्कारों की कमी, और सामाजिक समरसता पर गहन चर्चा की जाएगी। पूज्य संत भारत भूषण ने परिवारों में संस्कारों की कमी को एक गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि परंपराओं, रीति-रिवाजों और सामाजिक मूल्यों का ज्ञान अगली पीढ़ी तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिसके कारण परिवार टूट रहे हैं और समाज धर्मांतरण की ओर जा रहा है। संत अवध बिहारी दास जी महाराज ने हिंदू समाज से अस्पृश्यता को समाप्त करने पर जोर दिया। कहा कि इसके लिए संतों को जागरूकता यात्राएं निकालनी होंगी और समाज में भेदभाव को मिटाने का प्रयास करना होगा। 

महाकुंभ 2025 में धर्मांतरण, लव-जिहाद, और अस्पृश्यता को समाप्त करने के विषय पर संत सम्मेलन में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा और काशी विश्वनाथ की मुक्ति पर भी गहन चिंतन होगा, और हिंदू समाज की मान्यताओं, परंपराओं एवं संस्कारों को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने के विषय में भी संत समाज मार्गदर्शन करेगा। आज काशी के मार्गदर्शक मंडल की बैठक में पूज्य संतों ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों के मांस मिश्रण के दोषियों को कठोर से कठोर दंड दिलवाने का प्रस्ताव भी पारित किया है और सरकार से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है। 


कार्यक्रम का संचालन संत संपर्क प्रमुख काशी प्रांत आद्याशंकर मिश्र ने किया। इस दौरान प्रमुख रूप से केंद्रीय मंत्री हरिशंकर, विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेंद्र, पूज्य संत रामाश्रम, पूज्य शंकर देव चैतन्य ब्रह्मचारी जी, गोपाल जी निर्वाणी अखाड़ा, राधे गिरी जी निरंजनी अखाड़ा, विवेक भारती जी महानिर्वाणी अखाड़ा, सुदामा कुटिया आश्रम के महंत लाल बाबा जी महाराज, सच्चा आश्रम से मनोज ब्रह्मचारी जी, फलाहारी आश्रम से राजारामजी महाराज, विमल देव आश्रम, परशुराम अखाड़ा सुदर्शनाचार्य जी, लवकुश जी, बृजभूषण आनंद जी आदि उपस्थित रहे।