सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में पुरातन छात्र सम्मेलन हेतु की गई बैठक

 

वाराणसी। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति के निर्देशन में शनिवार अपरान्ह 3:00 बजे योगसाधना केन्द्र में पुरातन छात्र समिति की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सर्वसम्मति से पुरातन छात्र समिति के अध्यक्ष के रूप में विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति प्रो. युगलकिशोर मिश्र को मनोनीत किया गया। प्रो. मिश्र वेद विभाग के आचार्य के रूप में यहां नियुक्त होकर, प्रति कुलपति तथा जयपुर में संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर आसीन रहे। आपने विश्वविद्यालय के हित मे हमेशा योगदान देने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की।

प्रो. मिश्र ने कहा कि देश की इस महनीय संस्था में पुरातन छात्र समिति गठन अपने आप में गौरवपूर्ण है। भारत को विश्वगुरु बनाने में यह विश्वविद्यालय अग्रणी होगा। पुरातन छात्र समिति के माध्यम से विश्वविद्यालय को आर्थिक उन्नति का पूर्ण लाभ करवाया जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय हित में जो भी कार्य आवश्यक होंगे, सभी कार्य पूर्ण करवाये जाएंगे। यह समिति विश्वविद्यालय को अपना गौरव प्राप्त करवाने में पूर्ण सहयोग करेगी। संस्कृत के प्रचार प्रसार हेतु संस्कृत के छात्रों को सम्मानजनक छात्रवृत्ति प्राप्त कराने हेतु पूर्ण प्रयासरत रहेगी।

समिति के उपाध्यक्ष प्रो. श्रीकिशोर मिश्र ने कहा कि पुरातन छात्र समिति का पंजीकरण कराना अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिये कुलपति का अभिनंदन। कार्यक्रम के समिति के महामंत्री प्रो. हेतराम कछवाह को सर्वसम्मति से नामित किया गया। 

बैठक में प्रो. हरप्रसाद दीक्षित, प्रो. ब्रजकिशोर त्रिपाठी, प्रो. सदानन्द शुक्ल, प्रो. श्रीकिशोर मिश्र, प्रो. रामपूजन पाण्डेय, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. अमित शुक्ल, डॉ. उमापति उपाध्याय आदि अनेक विद्वान उपस्थित हुए। बैठक में उपस्थित विद्वानों का स्वागत समन्वयक प्रो. दिनेश कुमार गर्ग ने किया तथा बैठक का संचालन सह समन्वयक डॉ. विजय कुमार शर्मा ने किया।