सामूहिक आत्महत्या प्रकरण: तीन आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की एक टीम आंध्रप्रदेश रवाना, लाखों रुपए के लेन-देन का है मामला

 

वाराणसी। देवनाथपुरा के आश्रम में सामूहिक आत्महत्या मामले में जांच आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की एक टीम आंध्रप्रदेश रवाना हो गई है। इस मामले में दशाश्वमेध थाने में आत्महत्या के बाद मिले सुसाइड नोट के आधार पर आन्ध्रप्रदेश के ईस्ट गोदावरी निवासी एक दुकानदार समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। 

दुकानदार पेटगटूला पर आरोप है कि उसने मंडापेटा निवासी कोंडा बाबू के बेटे जी० राजेश को छह लाख रुपए किसी काम के लिए दिए थे। जी० राजेश ने काम होने के बाद उसे पांच लाख रुपए वापस भी कर दिए। जबकि सुसाइड नोट में लिखा मिला कि पेटगटूला ने छह लाख रुपए और मांग रहा था। इस दौरान वह पैसे वापस करने के लिए दबाव बनाने लगा और न देने पर अपने अन्य साथियों द्वारा जान से मारने की धमकी देने लगा। 

राजेश के लिखे सुसाइड नोट के आधार पर आंध्र प्रदेश के इंस्ट गोदावरी निवासी दुर्गा दिव्य आटो कंसल्टेंसी के मालिक पेटगटूला प्रसाद, वहां काम करने वाली रामिरेइडी वीर लक्ष्मी और मिठाई की दुकान चलाने वाले मल्ली बाबू के खिलाफ देवनाथ पुरा चौकी प्रभारी संजय कुमार यादव की तहरीर पर आत्महत्या के लिए उकसाने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दशाश्वमेध थाने में दर्ज किया गया है। राजेश ने सुसाइड नोट में लिखा था कि दुगां दिव्य आटी कंसल्टेंसी के काम करने के दौरान लिए गए छह लाख रुपयों में से पांच लाख लौटाने के बाद भी छह लाख रुपये मांग रहे थे।

दस दिन में रुपये देने के लिए पूरे परिवार को प्रताड़ित कर रहे थे। चार लोगों की मौत के लिए उन्हें दोषी बताते हुए कड़ी सजा दिलाने की मांग पुलिस से की थी। वहीं सामूहिक आत्महत्या मामले में दी मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक तैयार हो सकी है। मौत की वजह फांसी ही बताई जा रही है। इसे और पुख्ता करने के लिए विसरा जांच के लिए संरक्षित किया गया है।