नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी दोषमुक्त, पीड़ित पक्ष नहीं पेश कर पाया सबूत और गवाह

 

वाराणसी। नाबालिग किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित को राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अजय कुमार की अदालत ने नोनरा, सुरेरी (जौनपुर) निवासी तिलकधारी को आरोप सिद्ध न होने पर संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, राजातालाब थाना क्षेत्र की रहने वाली वादिनी ने राजातालाब थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री 21 जून 2022 को दोपहर करीब एक बजे कुछ सामान खरीदने के लिए घर से राजातालाब बाजार गयी थी। उसी दौरान रिश्तेदारी में आने वाला नोनरा, सुरेरी (जौनपुर) निवासी तिलकधारी उसको बहला-फुसलाकर अपने साथ कैंट स्टेशन ले गया। वहां से सिंगरौली, मध्यप्रदेश भगा ले गया। 

इस मामले में पुलिस ने विवेचना के दौरान छानबीन शुरू की तो आरोपित ने पीड़िता को करीब दस दिन बाद उसके घर लाकर छोड़ दिया। मेडिकल में पीड़िता से दुष्कर्म की पुष्टि होने पर पुलिस विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अदालत में कुल तीन गवाह पेश किए गए। अदालत ने विचारण के बाद गवाहों के बयान व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोप सिद्ध न होने पर आरोपित तिलकधारी को दोषमुक्त कर दिया।