खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में उमड़ रहे खरीदार, 29 दिसंबर तक चलेगा आयोजन
वाराणसी। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी–2025 का आयोजन अर्बन हॉट प्रांगण, चौकाघाट में 20 से 29 दिसंबर तक किया जा रहा है। दस दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पादों की खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यू.पी. सिंह ने बताया कि खादी केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि स्वदेशी सोच और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है। कपास, रेशम और ऊन के हाथ से कते सूत से हथकरघे पर बुना गया वस्त्र खादी कहलाता है। खादी की खासियत यह है कि यह गर्मी में ठंडक और सर्दी में गर्माहट देता है, जिससे मौसम का असर कम होता है।
उन्होंने बताया कि पहले खादी को साधारण वस्त्र माना जाता था, लेकिन अब फैशन के साथ इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। आज खादी को हर वर्ग और उम्र के लोग पसंद कर रहे हैं, चाहे कॉलेज के छात्र हों या दफ्तर जाने वाले महिला-पुरुष। प्रदर्शनी में बुधवार तक करीब 91 लाख रुपये की बिक्री हो चुकी है, जो खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े लोगों के लिए उत्साहजनक है।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देना है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। प्रदर्शनी में वाराणसी सहित उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे प्रतापगढ़, मीरजापुर, कुशीनगर और प्रयागराज की पंजीकृत इकाइयों द्वारा कुल 125 स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें 22 स्टॉल खादी और 103 स्टॉल ग्रामोद्योग के हैं।
प्रदर्शनी में खरीदारी के साथ-साथ प्रतिदिन सायंकाल मुण्डेश्वरी म्यूजिक द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं। आयोजकों ने लोगों से अपील की है कि वे परिवार के साथ प्रदर्शनी में आकर स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी करें और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाएं।