संगीत और मंच कला संकाय में कौस्तुभ जयंती, छात्र-छात्राओं ने राग मल्हार की प्रस्तुति से बांधा समां
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित संगीत और मंच कला संकाय के पंडित ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में कौस्तुभ जयंती का उद्घाटन समारोह गुरुवार को हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन (पद्मश्री) और विशिष्ट अतिथि संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डा. संध्या पुरेचा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पंडित मदन मोहन मालवीय प्रतिमा और ठाकुर ओंकार नाथ पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम मे छात्र-छात्राओं ने राग मल्हार की प्रस्तुति से समां बांध दिया।
पंडित ओंकारनाथ ठाकुर द्वारा रचित शिव संकल्पमस्तु की प्रस्तुति गायन विभाग के छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसका निर्देशन डा. मधुमिता भट्टाचार्य व प्रो. संगीता पंडित ने किया। गायन विभाग के छात्र छात्राओं ने रागाधारित बंदिशों की सुंदर प्रस्तुति दी। इसमें राग पटदीप में निबद्ध अनहद बाजे,री सखी सुनहुं पियारे और राग मियां मल्हार, द्रुत एकताल में तराना की प्रस्तुति की गई। तबला संगति आनंद मिश्रा और संवादिनी पर हर्षित अध्याय ने संगति की। इस कार्यक्रम का निर्देशन प्रो. संगीता पंडित व डा. रामशंकर ने किया।
दूसरी प्रस्तुति वाद्य वृंद की हुई। इसमें डॉ राकेश कुमार, सहायक आचार्य, प्रशांत मिश्र, वायलिन, स्कॉलर, बुधादित्य प्रधान,सितार, स्कॉलर, सिद्धार्थ मुखर्जी, तबला, अशेष कुमार मिश्र, तबला की मधुर और सधी हुई प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया। इसके बाद शोध छात्रों की ओर से कथक और भरतनाट्यम नृत्य के अद्वितीय संगम की एक विशेष प्रस्तुति दी जाएगी। इस नृत्य आयोजन की शुरुआत श्री विश्वनाथाष्टकम - गंगा तरंग रमणीय जटाकलापं....के द्वारा भगवान शिव की आराधना से हुई। इसके बाद श्री श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित "शिव पंचाक्षर स्तोत्रम" में नृत्य प्रदर्शन किया गया। इस सांस्कृतिक आयोजन का समापन "तिल्लाना" के साथ हुआ जो राग कपी और आदि ताल में आधारित है, और जिसकी रचना मदुरै आर. मुरलीधरन ने की है।
श्री विश्वनाथाष्टकम" और "शिव पंचाक्षर स्तोत्रम" के संगीत एवं नृत्य संयोजन डॉ. विधि नागर का रहा। जिसमें गायन पर डॉ इंद्रदेव चौधरी, तबले पर डॉ अमित ईश्वर, बांसुरी पर डॉ शानिश कु. ज्ञावाली, सितार पर डॉ आनंद कु. मिश्रा, सारंगी पर श्री अनिश मिश्रा द्वारा संगत प्रदान की गयी। नृत्य प्रस्तुति देने वाले कलाकार भरतानाटयम नृत्य में नागरंजीता एस., कु. रूपम रघुवंशी, कथक नृत्य में अमृत मिश्रा, कु. रागिनी कल्याण, कु. शिखा रमेश, कु. सुरैया इस्लाम रिया रहे।
इस अवसर पर पंडित चित्तरंजन ज्योतिषी,पंडित साजन मिश्र ,पंडित राजेश्वर आचार्य,पंडित शिवनाथ मिश्रा, डा. प्रेम चंद्र होम्बल,पंडित रित्विक सान्याल को कौस्तुभ रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने कौस्तुभ जयंती की बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस 75 वर्ष को लोगों के बीच पहुंचाना और लगातार अनवरत कार्य करना या अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस विभाग को किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ेगी तो हम सदैव तत्पर रहेंगे। उन्होंने संगीत को सिर्फ संगीत से देखने के लिए नहीं, इसे हर विभाग से जोड़कर देखना चाहिए और 75 वर्ष पूर्ण करना इस विभाग का अपने आप में विशेष उपलब्धि है। धन्यवाद आयोजन सचिव प्रो. प्रवीण उद्धव जी ने किया।