सावन शिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ धाम में जगाई पर्यावरण संरक्षण की अलख, किया जागरूक 

सावन शिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार को नमामि गंगे ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में पर्यावरण संरक्षण की अलख जागाई। इस दौरान श्रद्धालुओं में कपड़े के झोले वितरित किए। इसके जरिये सैकड़ों श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि स्वस्थ भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नागरिकों को स्वच्छता का संकल्प लेना होगा। स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। 
 

वाराणसी। सावन शिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार को नमामि गंगे ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में पर्यावरण संरक्षण की अलख जागाई। इस दौरान श्रद्धालुओं में कपड़े के झोले वितरित किए। इसके जरिये सैकड़ों श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि स्वस्थ भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नागरिकों को स्वच्छता का संकल्प लेना होगा। स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। 

संस्था के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि पर्यावरण हमारी अमूल्य निधि है। यदि हम जागरूक होंगे, तभी पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले हानिकारक तत्वों से इसको दूर रखेंगे। पर्यावरण के दुष्परिणाम स्वरूप ही जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग से बेमौसम वर्षा और बाढ़ आदि की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। 

उन्होंने कहा कि पुरुष और प्रकृति की समानता से संसार में संतुलन होता है। पुरुष और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित होने से ही सृष्टि सुचारु रूप से चल पाती है। शिव और शक्ति के प्रतीक शिवलिंग का यही मन्तव्य है। शिव पुरुष के प्रतीक हैं, तो पार्वती प्रकृति की। पुरुष और प्रकृति के बीच यदि संतुलन न हो, तो सृष्टि का कोई भी कार्य भलीभांति संपन्न नहीं हो सकता है। शिवलिंग के माध्यम से भगवान शिव जी पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। आयोजन में सैकड़ो श्रद्धालु शामिल रहे।