काशी-तमिल संगमम: एनडीआरएफ के जवानों ने गंगा में डूबते दो श्रद्धालुओं को बचाया

 
वाराणसी, काशी-तमिल संगमम के पावन अवसर पर वाराणसी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। यह महोत्सव उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, जहां हजारों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर रहे हैं।श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ की टीम उप महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में लगातार कार्यरत है। एनडीआरएफ के प्रशिक्षित बचावकर्मी किसी भी आपात स्थिति में तत्पर रहते हैं और मानव जीवन की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

इसी तत्परता और साहस का परिचय देते हुए आज मणिकर्णिका घाट पर दो श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचाया गया। चेरला, आंध्र प्रदेश से आए 40 वर्षीय नरसिंहा राजू और 13 वर्षीय निहार बाला जी स्नान के दौरान गहरे पानी में बहने लगे और डूबने की स्थिति में आ गए। जैसे ही यह जानकारी मिली, एनडीआरएफ के बहादुर जवान चंदन कुमार ने बिना देर किए गंगा के तेज बहाव में छलांग लगा दी और अद्भुत साहस एवं दक्षता का परिचय देते हुए दोनों श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला।

काशी-तमिल संगमम भारतीय संस्कृति की अखंडता और आध्यात्मिकता का जीवंत उत्सव है, जो हर वर्ष दक्षिण भारत और काशी के बीच गहरी आस्था और परंपराओं का संगम प्रस्तुत करता है। इस महोत्सव के दौरान एनडीआरएफ की सतर्कता और समर्पण यह सुनिश्चित करता है कि श्रद्धालु निर्भय होकर अपने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर सकें।एनडीआरएफ के बहादुर जवानों की वीरता और तत्परता ने आज फिर यह सिद्ध कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों में भी वे मानव सेवा और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर हैं।