सावन के अंतिम सोमवार बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव कार्यक्रम, बाबा के पंचबदन प्रतिमा का श्रृंगार, 350 वर्ष पुरानी है परम्परा

 

वाराणसी। श्रावण के अंतिम सोमवार एवं पूर्णिमा के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में सोमवार को वर्षों पुरानी परम्परा निभाई जा रही है। बाबा श्री काशी विश्वनाथ के पंच बदन प्रतिमा के पंच गव्य स्नान से झूलनोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की  गई। 

विद्वान 11 अर्चकों, ट्रस्टी गण व अन्य गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में विधि विधान पूर्वक पंच बदन मूर्ति का पंचगव्य स्नान पूर्ण कराया गया। इस दौरान शंख वादन और डमरू वादन भी हुआ जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। डमरू वादन तथा शंख की स्वरलहरी के साथ ही बाबा के प्रतिमा की आरती संपन्न की गयी I  

इसके बाद भगवान श्री विश्वनाथ, माता पार्वती जी तथा भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा का विविध प्रकार के फूलों से सुंदर श्रृंगार कराया जाएगा तथा शोभायात्रा के पूर्व मंदिर प्रांगण में बाबा की प्रतिमा का भव्य झांकी दर्शन कराया जायेगा। जिसमे संत महात्मा, जनप्रतिनिधि, काशीवासी आदि सभी सम्मिलित होंगे।

तत्पश्चात सांयकाल काशीवासी और श्रद्धालु गण बाबा की पंचबदन प्रतिमा को पालकी पर विराजमान करके गर्भगृह में ले जाएंगे और पूर्ववर्ती परंपरा के अंतर्गत बाबा को मां पार्वती जी और भगवान श्री गणेश जी के साथ झूले पर विराजमान कराया जाएगा। मंदिर गर्भ गृह में झूला उत्सव रात तक चलेगा, जिसका भक्त दर्शन करेंगे। 

 

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