प्रबुद्धजनों ने PM और CM से की काशी की बेटी के नाम पर वीरांगना एक्सप्रेस चलाने की मांग

 

वाराणसी। देश की प्रथम महिला वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 188वीं जयंती रविवार को उनकी जन्मस्थली पर धूमधाम से मनाई गई। जागृति फाउंडेशन एवं महारानी लक्ष्मीबाई जन्म स्थान स्मारक समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफ़ेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र, विशिष्ट अतिथि लोक भूषण सम्मान से सम्मानित साहित्यकार डॉक्टर जयप्रकाश मिश्रा, बीएचयू राजनीति शास्त्र विभाग के पुर्व डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र, प्रोफेसर नवल किशोर दुबे, प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा, ज्योतिषाचार्य एवं प्रसिद्ध वास्तुविद डॉक्टर सुरेश त्रिपाठी एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव  रामयश  मिश्र ने महारानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रजरांकर कर समारोह का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ ने कहा कि झांसी की रानी काशी की बेटी थी और हमें बहुत ही गर्व है की वह हम लोगों के मोहल्ले की थी। आज उनकी जन्मस्थली आकर गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में जो अपना अमूल्य योगदान दिया उसको हम शब्दों में वर्णन नहीं कर सकते। रानी लक्ष्मीबाई के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही आज देश स्वतंत्र हुआ और हमें इस महिला वीरांगना पर गर्व है।

साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्रा ने ओजस्वी कविताओं को सुना कर महारानी को अपनी भावांजलि अर्पित की। प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई ने झांसी में अंग्रेजों के सामने समर्पण करने से मना करते हुए कहा कि मैं जिंदा रहते हुए अपनी झांसी किसी को नहीं दूंगी, उसी का परिणाम रहा कि हमारा देश आज स्वतंत्र हुआ और हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा ने कहा कि हमें महारानी के बताए हुए रास्तों के बारे में आज की पीढ़ी को जानकारी देनी चाहिए। उनकी देशभक्ति की भावनाओं को आने वाली पीढ़ी को बतानी चाहिए, तभी हमारा देश देशभक्त पीढ़ी पैदा कर सकेगा। डॉक्टर ओमप्रकाश ओझा ने कहा कि काशी की बेटी एवं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़कर यह सिद्ध कर दिया कि देश का बच्चा-बच्चा जब चाहे वह देश को एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।

कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालन कर रहे जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से अपील की कि वह महारानी लक्ष्मी बाई के नाम पर वीरांगना एक्सप्रेस चलाएं। उनकी इस मांग को जन्मस्थली पर उपस्थित सैकड़ों प्रबुद्ध जनों ने अपनी सहमति प्रदान करते हुए कहा कि महारानी के नाम पर एक नई ट्रेन वीरांगना एक्सप्रेस होनी ही चाहिए।

रामयश मिश्र ने कहा कि अगर नई ट्रेन न चला सके तो वाराणसी से बुंदेलखंड को जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलकर उसे वीरांगना एक्सप्रेस के नाम ही बदल कर वीरांगना एक्सप्रेस कर दे। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन महारानी के जन्मस्थली से लेकर उनकी शहीद स्थली तक जाती है। इसलिए इसका नाम वीरांगना एक्सप्रेस होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से विनम्र अपील की कि वह इसे पूरा कर महारानी के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें।  

इस अवसर पर जयंती समारोह में उपस्थित भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडे ने कहा कि महारानी के नए महारानी के नाम पर नई ट्रेन चलाने की बात को वह राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को अवगत कराएंगे और हमारा पूरा प्रयास होगा की महारानी के नाम पर ट्रेन चले।

जयंती समारोह को प्रोफेसर नवल किशोर दुबे, नवीन सेवा समिति के अध्यक्ष नवीन बाजपेई ,गोपाल मिश्रा, दिलीप कुमार पांडे, चंद्र प्रकाश, विभूति भूषण दीक्षित, वीरेंद्र पांडे, विनोद पांडे, हृदय नारायण मिश्र आदि ने भी संबोधित करते हुए अपने विचारों से वीरांगना के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर राजू पांडे, उमाशंकर गुप्ता, पार्षद रविंद्र सिंह, सुरेंद्र जैन, छबि अग्रवाल, निधि विंड, डॉक्टर जयप्रकाश मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद विनय कुमार मिश्रा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम संयोजन रामयश मिश्र ने किया। आए हुए अतिथियों का स्वागत समाजसेवी चंद्र प्रकाश जैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन रामयश मिश्रा ने तथा धन्यवाद विश्वनाथ यादव उर्फ छेदी एवं सत्यांशु जोशी ने संयुक्त रूप से किया।