BHU में आईआईपीएस सेमिनार, जनसांख्यिकी संक्रमण को लेकर होगी चर्चा

अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान व सांख्यिकी विभाग बीएचयू के सहयोग से बीएचयू में 12 और 13 फरवरी को 28वीं आईआईपीएस सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसका विषय "ट्रैकिंग प्रोग्रेस ऑफ सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल्स विद अ पोकस ऑन उत्तर प्रदेश" तय किया गया है। इसमें यूपी में जनसांख्यिकी संक्रमण पर विस्तार से चर्चा होगी। देश के राष्ट्रीय स्तर से विशेषज्ञ अपना विचार रखेंगे। 
 

वाराणसी। अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान व सांख्यिकी विभाग बीएचयू के सहयोग से बीएचयू में 12 और 13 फरवरी को 28वीं आईआईपीएस सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसका विषय "ट्रैकिंग प्रोग्रेस ऑफ सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल्स विद अ पोकस ऑन उत्तर प्रदेश" तय किया गया है। इसमें यूपी में जनसांख्यिकी संक्रमण पर विस्तार से चर्चा होगी। देश के राष्ट्रीय स्तर से विशेषज्ञ अपना विचार रखेंगे। 


SDGS में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्र के परस्पर सम्बद्ध 17 लक्ष्यों को सूचीबद्ध किया गया है। भारत में SDGs संकेतक राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय ढांचे में एकीकृत हैं। इन लक्षण की प्राप्ति की प्रगति में अलग-अलग राज्यौ और सामाजिक-आर्थिक समूह के बीच बड़ी विसंगति है। उत्तर भारत के राज्यों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन SDGs के महत्व को समझने में उत्प्रेरक का कार्य कर सकता है। इस राष्ट्रीय सेमिनार का प्राथमिक उ‌द्देश्य भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के विकास में SDGs के महत्व को विमर्श में लाना है। भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेश, उत्तर प्रदेश जहां देश की लगभग 16% जनसंख्या रहती है, वह तेजी से जनसांख्यिकीय संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों और समुदायों के बीच प्रजनन दर और मृत्यु दर में भारी विभिन्नता विद्यमान है। साथ ही राज्य को तेजी से आर्थिक प्रगति करने और बहुआयामी गरीबी को कम करने में भी सफलता मिली है। यह जनांकिकीय और आर्थिक बदलाव प्रदेश को एसडीजी के लक्ष्य की प्राप्ति की और अग्रसर करने में सहयोगी हो सकते हैं। 


देश की जनसंख्या में उत्तर प्रदेश का योगदान अधिक होने से जनसंख्या, वृ‌द्धि और समावेशी विकास के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित होती है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए यह आवश्यक होगा कि राज्य सतत विकास के मार्ग में आने वाली जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए समर्पित हो। सेमिनार में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान वाले अनेक प्रसिद्ध शिक्षाविद शोधार्थी डेवलपमेंट सेक्टर के पेशेवर, प्रजनन, लैंगिक समानता, जनसंख्या और पर्यावरण, पलायन और नगरीकरण, गरीबी तथा कुपोषण, युवावस्था और किशोरावस्था आदि पर अपने-अपने विचार रखेगे। यह सेमिनार ऐसे सभी लोगों को उत्तर प्रदेश के भावी विकास के दृष्टिगत सार्थक संवाद और विमर्श के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है।

सेमिनार का आरंभ उद्‌घाटन सत्र से होगा तत्पश्चात दो पूर्ण सत्र जिनके नाम क्रमशः "हेल्थ रिलेटेड SDGs इन उत्तर प्रदेश तथा "वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी ऑफ उत्तर प्रदेश हैं, तथा 15 अन्य सत्र भी होंगे। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम भी होगा।