रामनगर किले में पूजे गए हस्तलिखित गुरु ग्रन्थ साहब, सिख साध संगत ने की अरदास

गुरु नानक देव के ज्योति ज्योत पर्व पर शुक्रवार को रामनगर किले में हस्त लिखित गुरु ग्रन्थ साहब की पूजा अर्चना की गई। आज के दिन ही गुरु नानक देव ने चोला छोड़ा था। इस अवसर पर कुंवर अनंत नारायण सिंह के आमंत्रण पर हर साल रामनगर की सिख साध संगत किले में पहुंच कर अरदास करता है। 
 

संवाददाता-राकेश सिंह 


रामनगर (वाराणसी)। गुरु नानक देव के ज्योति ज्योत पर्व पर शुक्रवार को रामनगर किले में हस्त लिखित गुरु ग्रन्थ साहब की पूजा अर्चना की गई। आज के दिन ही गुरु नानक देव ने चोला छोड़ा था। इस अवसर पर कुंवर अनंत नारायण सिंह के आमंत्रण पर हर साल रामनगर की सिख साध संगत किले में पहुंच कर अरदास करता है। 

खास यह है कि रामनगर किले में 500 साल से भी ज्यादा पुराना और दुर्लभ हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहब है। इस पर्व पर इसी दुर्लभ ग्रन्थ की पूजा की जाती है। किले के दरबार हाल के बगल में स्थित भवन में कुंवर अनंत नारायण सिंह की उपस्थिति में रामनगर के सिख समाज के द्वारा यह आयोजन किया गया। ज्ञानी जसविंदर सिंह के शबद कीर्तन से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। 

भक्तिपूर्ण माहौल में लगभग डेढ़ घण्टे चले कार्यक्रम में सिख समाज की ओर से कुंवर अनंत नारायण सिंह को सरोपा भेंट किया गया। किले की ओर से प्रसाद के रूप में हलवा वितरित किया गया। इस मौके पर रंजीत सिंह, रविन्दर सिंह लड्डू, मंजीत सिंह, गुरवेज सिंह, गुरुमीत सिंह, रक्षपाल सिंह, अमोलक सिंह, मंजीत सिंह विक्की आदि मौजूद थे।