विश्वनाथ मंदिर में अर्पित पुष्षों से रोजगार के साथ पर्यावरण संरक्षण को मिल रहा बल, सिडबी महाप्रबंधक ने संस्था की पहल को सराहा
वाराणसी। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सहयोग से युवा ग्राम्य विकास समिति की ओर से साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें ग्रामीण अंचल की महिलाओं की आजीविका के विकास के लिए संचालित कार्यों की चर्चा हुई। सिडबी, लखनऊ के महाप्रबंधक मनीष सिन्हा ने संस्था के पहल की सराहना की।
उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर पर अर्पित फूलों से निर्मित धूप, अगरबत्ती, साबुन, मोमबत्ती, और हवन कप जैसे उत्पादों का निर्माण करना महिलाओं के लिए न केवल एक रोजगार का स्रोत है, बल्कि यह उन्हें स्वावलंबी बनाता है और पर्यावरण के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है। इस प्रकार के उद्योग महिलाओं को सक्षम बनाता है। उन्हें आत्मनिर्भरता का माध्यम प्रदान करता है, साथ ही पर्यावरण के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान करता है। इससे सामाजिक और आर्थिक रूप से भी समृद्धि होती है। यह प्रतिष्ठा और सम्मान की भावना को भी बढ़ाता है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
कार्यक्रम में साईं इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि सिडबी के सहयोग से महिलाओं के आजीविका के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें तकनीक की मदद से इनोवेशन आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से उत्पादों का निर्माण पर्यावरण को हानि पहुंचाए बिना उन्हें धूप, अगरबत्ती, साबुन, और मोमबत्ती जैसे उत्पादों के लिए प्राकृतिक सामग्री का प्रयोग करना, जैसे कि जड़ी बूटियों, अरोमाटिक तेलों, और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना, पर्यावरण को समृद्धि प्रदान करता है, सिखाया जाता है। इस अवसर पर संस्थान की तरफ से बेटियों की ओर से बनाई गई स्मृति चिह्न देकर महाप्रबंधक को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रशिक्षण ले रही अलका दुबे, ज्योति दुबे एवं अन्य महिलाओं ने अपना खुद का स्टार्टअप करने की इच्छा व्यक्त की। कार्यक्रम में आर्यावर्त फाउंडेशन के शिवकुमार शुक्ला, मार्केटिंग मैनेजर हर्ष कुमार सिंह, मैनेजर अनुपमा दुबे, नीलम, पूजा, मनीषा आदि लोगो ने भाग लिया।