राम तारक आंध्र आश्रम में सुसाइड करने वाले भाइयों के परिजन पहुंचे काशी, पूछताछ कर रही पुलिस 

भेलूपुर थाना क्षेत्र के मानसरोवर इलाके में स्थित श्री राम तारक आंध्र आश्रम के दूसरे तल पर फांसी लगाकर जान देने वाले दो भाई पी. लक्ष्मी नारायणन और वी.लोक विनोद के परिजन वारामसी पहुंच गए हैं। पुलिस ने परिजनों से पूछताछ कर रही है। आंध्र आश्रम के ट्रस्टी बीबी सुंदरम शास्त्री ने वहां के रहने वाले लोगों की मदद से 24 घंटे बाद मृतक के परिजनों को सूचना दिलवाया। सूचना मिलने के बाद मृतक का चचेरा भाई मृतक के मामा चार लोगों के साथ गुरुवार की शाम आंध्र आश्रम पहुंचे।
 

वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के मानसरोवर इलाके में स्थित श्री राम तारक आंध्र आश्रम के दूसरे तल पर फांसी लगाकर जान देने वाले दो भाई पी. लक्ष्मी नारायणन और वी.लोक विनोद के परिजन वारामसी पहुंच गए हैं। पुलिस ने परिजनों से पूछताछ कर रही है। आंध्र आश्रम के ट्रस्टी बीबी सुंदरम शास्त्री ने वहां के रहने वाले लोगों की मदद से 24 घंटे बाद मृतक के परिजनों को सूचना दिलवाया। सूचना मिलने के बाद मृतक का चचेरा भाई मृतक के मामा चार लोगों के साथ गुरुवार की शाम आंध्र आश्रम पहुंचे।

मंदिर के व्यवस्थापक ने परिजनों के आने की सूचना पुलिस को दी‌। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को घटनास्थल दिखाया और पूरी जानकारी दी। इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम हाउस शिवपुर पहुंचे। इसके बाद दोनों भाइयों का पोस्टमार्टम हुआ। परिजनों की इच्छा के अनुसार हरिश्चंद्र घाट पर दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार कर दिया। मृतक के चचेरे भाई साइ प्रसाद ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि दोनों ने 7 सितंबर को उससे फोन पर बात किया था। इस दौरान दोनों ने बताया था कि वह दिल्ली में हैं। 2-3 दिन में घर आ जाएंगे। चचेरे भाई ने बताया कि मृतक दोनों भाइयों के माता-पिता की मौत पहले हो चुकी है। उनकी एक छोटी बहन है जिसकी शादी हो चुकी है। दोनों भाई आंध्र प्रदेश के नारायणपुर जिला वेस्ट गोदावरी में एक्वेरियम का व्यापार करते थे। इसके आलावा ब्याज पर पैसा बांटते थे। 

मृतकों ने सुसाइड से पहले मोबाइल का सिम भी फेक दिया था
भेलूपुर थाना प्रभारी विजय कुमार शुक्ला ने बताया कि मृतकों के परिजन को तलाश करने में इतना समय इसलिए लगा क्योंकि उन्होंने अपने मोबाइल का सिम निकाल दिया था। इसके अलावा उनके पास से कोई भी कांटेक्ट नंबर परिजनों का नहीं मिल पाया था। उन्होंने बताया कि आश्रम के ट्रस्टी द्वारा काफी मदद की गई और आधार कार्ड के पाते के आधार पर उन्होंने वहां के लगभग 30 से अधिक लोगों से संपर्क किया तब जाकर उनके परिजनों का पता चला। उन्होंने बताया कि दोनों के शव का अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया है। उन्होंने बताया कि आत्महत्या कि वजह पैसे का लेनदेन लग रहा है। फिलहाल और पूछताछ के लिए उनके परिजनों को थाने पर आने के लिए बोला गया हैं।