विशेषज्ञ समिति ने बीएचयू में की उत्कृष्टता केंद्रों की समीक्षा, पांच वर्ष की रिपोर्ट जारी

विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी विभाग के क्लाइमेट चेंज प्रोग्राम की दो दिवसीय सातवीं एक्सपर्ट समिति की मीटिंग बीएचयू में हुई। इसमें डा. अखिलेश गुप्ता, सचिव, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, भारत सरकार, व वरिष्ठ सलाहकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर इंटरडिसिप्लिनरी शोध तथा क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर विचार रखा। 
 

वाराणसी। विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी विभाग के क्लाइमेट चेंज प्रोग्राम की दो दिवसीय सातवीं एक्सपर्ट समिति की मीटिंग बीएचयू में हुई। इसमें डा. अखिलेश गुप्ता, सचिव, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, भारत सरकार, व वरिष्ठ सलाहकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर इंटरडिसिप्लिनरी शोध तथा क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर विचार रखा। 


उन्होंने डीएसटी की ओर से संचालित सेण्टर ऑफ़ एक्सीलेंसस के परफॉर्मन्स को रिव्यू तथा निति निर्माण में सहयोगी शोध करने के निर्देश दिया गया। डा. अनीता गुप्ता, प्रमुख क्लाइमेट चेंज एंड क्लीन एनर्जी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए विभाग की ओर से जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में नए कार्यों के बारे में बताया। बैठक के दौरान विशेषज्ञो ने आपदाओ के जोखिम को कम करने के लिए संस्थागत तंत्र की जरूरत पर बल दिया गया। प्रो. तलत अहद, पूर्व कुलपति, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कश्मीर ने ग्लेशियर स्टडीज पर अध्ययन करने पर बल दिया।

डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन एवं उत्कृष्ट शोध केंद्र (डीएसटी -एमसीइसीसीआर), पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की पांच वर्षीय रिपोर्ट का विमोचन सचिव, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, भारत सरकार, वरिष्ठ सलाहकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने किया। रिपोर्ट में सेंटर की स्थापना से अब तक किए गए सम्पूर्ण शोध कार्य, नवाचार, एवं जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण का विवरण दिया गया है जिसकी डॉ गुप्ता ने सराहना की। कार्यक्रम में तलत अहमद, पूर्व कुलपति जम्मू कश्मीर यूनिवर्सिटी, डॉ निशा मेंदीरत्ता, प्रमुख वाइज - किरण प्रोग्राम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, डॉ अनिल के गुप्ता,  प्रमुख राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संसथान, डॉ कालाचंद सेन, डायरेक्टर, वडिआ इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन जियोलॉजी, प्रोफ वी गीतलक्षमी, उप कुलपति,  तमिल नाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी,  प्रो एनएच रविंद्रनाथ, आईआईएससी बैंगलोर, डॉ सुशीला नेगी, वैज्ञानिक फ,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग,  उपस्थित रहे।