ई-रिक्शा यूनियन अलग रूट का करेगा विरोध, डीएम से मिलकर लगाएंगे गुहार, बोले, नया नियम खत्म कर देगा रोजगार 

यातायात विभाग की ओर से वाराणसी में ई-रिक्शा के लिए अलग रूट निर्धारित करने की योजना के खिलाफ चालक लामबंद हो गए हैं। टोटो यूनियन ने इसका विरोध किया है। उनका कहना रहा कि नया नियम रोजगार खत्म कर देगा। इसको लेकर 2 सितंबर को भारी संख्या में ई-रिक्शा चालक जिलाधिकारी एस राजलिंगम से मिलेंगे। इस दौरान डीएम से बात कर अपनी समस्या बताएंगे। 
 

वाराणसी। यातायात विभाग की ओर से वाराणसी में ई-रिक्शा के लिए अलग रूट निर्धारित करने की योजना के खिलाफ चालक लामबंद हो गए हैं। टोटो यूनियन ने इसका विरोध किया है। उनका कहना रहा कि नया नियम रोजगार खत्म कर देगा। इसको लेकर 2 सितंबर को भारी संख्या में ई-रिक्शा चालक जिलाधिकारी एस राजलिंगम से मिलेंगे। इस दौरान डीएम से बात कर अपनी समस्या बताएंगे। 

यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि ई-रिक्शा चालक पूरे बनारस में चलते हैं। इसके बावजूद घर चलाने जितनी कमाई नहीं हो पाती है। किसी तरह से ई-रिक्शा का लोन भर रहे हैं और परिवार चला रहे हैं। यातायात विभाग ने सितंबर से ई-रिक्शा के लिए रूट निर्धारित करने की बात कही है। नए नियम के मुताबिक गलियों और मोहल्लों में ई-रिक्शे चलवाए जाएंगे। इससे कमाई और कम हो जाएगी। नए नियम से गरीब ई-रिक्शा चालकों का रोजगार खत्म हो जाएगा। 

उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी शहरों में जाम लगता है। चाहें जहां जाइये शहरों में जाम जरूर मिलेगा। इसको लेकर ई-रिक्शा चालकों का रोजगार छीन लेना उचित नहीं है। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ई-रिक्शा का उद्घाटन किया था। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि लोन लेकर ई-रिक्शा खरीद लीजिए, आपका रोजगार पक्का हो गया। प्रशासन उसी रोजगार को खत्म करने पर तुला हुआ है। प्रशासन की जिम्मेदारी पार्किंग, स्टैंड और यातायात नियमों को लेकर प्रशिक्षित करने की है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से मिलकर अपनी बात रखी जाएगी। यदि प्रशासन रूट प्लान लागू कर रोजगार छीनना चाहता है तो पहले वाराणसी के 25 हजार ई-रिक्शा चालकों के लिए रोजगार के मुकम्मल इंतजाम किए जाएं।