यूपीपीएससी वैज्ञानिक अधिकारी भर्ती में बीएचयू के ज्ञान लैब की डॉ. प्रज्ञा वर्मा का चयन 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक साइंस लैब) के बायोलॉजी सेक्शन में वैज्ञानिक अधिकारी पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस प्रतिष्ठित चयन प्रक्रिया में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से जुड़ी क्रोनोबायोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. प्रज्ञा वर्मा ने सफलता हासिल की है। उनके चयन से बीएचयू के ज्ञान लैब और शोध समुदाय में हर्ष का माहौल है।
 

वाराणसी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक साइंस लैब) के बायोलॉजी सेक्शन में वैज्ञानिक अधिकारी पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस प्रतिष्ठित चयन प्रक्रिया में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से जुड़ी क्रोनोबायोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. प्रज्ञा वर्मा ने सफलता हासिल की है। उनके चयन से बीएचयू के ज्ञान लैब और शोध समुदाय में हर्ष का माहौल है।

यूपीपीएससी द्वारा जून 2023 में जारी विज्ञापन के तहत बायोलॉजी विषय में कुल 22 पदों पर नियुक्तियां की जानी थीं। भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत 22 और 23 दिसंबर को साक्षात्कार आयोजित किए गए, जिसमें कुल 39 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। अंतिम परिणाम में 22 अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जिनमें डॉ. प्रज्ञा वर्मा का नाम भी शामिल है।

डॉ. प्रज्ञा वर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय से जूलॉजी विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। वे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की सीनियर रिसर्च फेलो रह चुकी हैं। वर्तमान में वे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वाइज़-स्कोप कार्यक्रम के अंतर्गत वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर रही हैं। उनका शोध कार्य मुख्य रूप से क्रोनोबायोलॉजी, मानव फिजियोलॉजी और जैविक लय (बायोलॉजिकल रिदम्स) के अध्ययन पर केंद्रित है।

डॉ. वर्मा उत्तर भारतीय वयस्कों में विभिन्न क्रोनोटाइप्स के जीनोम-फीनोटाइप एसोसिएशन, नींद और तनाव से जुड़े फिजियोलॉजिकल रिस्पॉन्स का गहन अध्ययन कर रही हैं। उनके प्रारंभिक शोध का फोकस किशोरों में सर्केडियन पैटर्न्स, तनाव के कारण हार्मोनल चक्रों में बदलाव, भावनात्मक लय, भूख और नींद के व्यवहार पर रहा है। वे अपने शोध कार्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत कर चुकी हैं।

शोध के साथ-साथ विज्ञान संचार के क्षेत्र में भी डॉ. प्रज्ञा वर्मा का योगदान उल्लेखनीय है। वे पिछले एक दशक से अधिक समय से आकाशवाणी लखनऊ और वाराणसी से प्रसारित शैक्षणिक रेडियो कार्यक्रमों की मेजबानी कर रही हैं। उनके चयन पर ज्ञान लैब के प्रमुख प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि फोरेंसिक साइंस जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण क्षेत्र में डॉ. प्रज्ञा वर्मा की नियुक्ति से अपराध जांच प्रक्रिया को वैज्ञानिक दृष्टि से नई मजबूती मिलेगी। उन्होंने इसे महिला वैज्ञानिकों के लिए भी एक बड़ी प्रेरणादायक उपलब्धि बताया।