DM ने सम्पूर्ण समाधान दिवस पर तहसील सभागार में की जनसुनवाई
वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम तथा डीसीपी गोमती प्रबल प्रताप सिंह द्वारा सम्पूर्ण समाधान दिवस पर राजातालाब तहसील सभागार में जनसुनवाई की गयी।
इस दौरान मिल्कीचक गंगापुर के छेदीलाल द्वारा विद्युत बिल में सुधार कराने के लिए चार समाधान दिवसों में आवेदन देने के बाद भी कोई कार्यवाही न किये जाने की शिकायत पर गहरी नाराजगी जताई और बताया कि 20 मई 2023 को 505 का बिल जमा किया गया और बकाया बिल रहा, इसके पश्चात 24 जुलाई 2023 को 500 का बिल जमा किया तो बकाया राशि 63910 की धनराशि अंकित कर दिया गया। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अभियंता के खिलाफ शासन को पत्र भेजने का निर्देश दिया तथा एक्सियन हाइडिल को जांच कर समाधान कराने का निर्देश दिया।
कुंडरियां गांव थाना जंसा के रमेश सिंह द्वारा शिकायती पत्र दिया गया कि गांव के ही शिवबली पुत्र स्व. रामराज सिंह, सुभाष पुत्र स्व. धर्मराज व अन्य द्वारा सरकारी जमीन, बंजर पर पेड़ काट रहे हैं और मिट्टी डालकर कब्जा कर रहे हैं। आराजी नं 989 रकबा 1.58डि. 1319 व 1334 के खाते में बंजर दर्ज है। वहीं आराजी नं. वर्तमान की खतौनी में 989/2 बंजर की भूमि में दर्ज 989/1, 989/2, 989/4 तथा 989/5 भिन्न- भिन्न भूमिधरी में दर्ज कराया गया है। कार्नामा सरकारी जमीन को प्राइवेट व्यक्ति के नाम चढ़ाने के लिए यह कार्नामा कब्जा किसके द्वारा कराया गया। इसकी जांच कर जिम्मेदारी तय करने और निस्तारण कराने के निर्देश एसडीएम राजातालाब को दिया।
ग्राम करौती लोहता के अंकित सिंह द्वारा शिकायती पत्र दिया गया कि बंजर भूमि पर सैकड़ों वर्ष पुराना सार्वजनिक रास्ता कायम है। जिसे विपक्षीगण अभय नारायण सिंह पुत्र मुल्लन सिंह व अन्य द्वारा गेट लगा कर रास्ता अवरूद्ध कर दिया गया। जिलाधिकारी ने एसडीएम को निर्देशित किया कि धारा 33/39 में बंजर जमीन को किस नियम के तहत आबादी कराया गया। जांच करा कर आवश्यक कार्रवाई करें और त्रुटि सुधार की कार्रवाई करें। भूमि की वास्तविक स्थिति ज्ञात होने पर ही अगली कार्रवाई निर्भर करेगी।
ग्राम भतसार, जन्सा के उमराल पाल के भाई तथा पुत्रगण ने शिकायत की कि विपक्षीगण झरिहक पुत्र जगरदेव तथा झरिहक के पुत्रगण काश्तकारी नहीं करने दे रहे हैं। जिसपर एसीपी राजातालाब ने राजस्व टीम के साथ मौके पर जाकर शिकायत का निस्तारण कराने हेतु डीसीपी गोमती प्रबल प्रताप सिंह द्वारा निर्देशित किया गया।
जिलाधिकारी ने जोर देते हुए निर्देशित किया है कि किसी भी वाद के निस्तारण में गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखें और यदि किसी मामले में विधिक/नियम की जानकारी अपेक्षित हो तो एसडीएम अथवा वरिष्ठ अधिकारी के संज्ञान में लायें तत्पश्चात् निस्तारण करें।