मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आयोजित हुई मंडल स्तरीय कार्यशाला

 

वाराणसी। महिलाओं एवं बच्चों को सुरक्षा, संरक्षण और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मिशन वात्सल्य’ एवं ‘मिशन  शक्ति’ योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वाराणसी मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन शनिवार को सर्किट हाउस सभागार में किया गया।

कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश की निदेशक संदीप कौर की उपस्थिति और मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, एडीसीपी, मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। 

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि मिशन शक्ति व मिशन वात्सल्य योजना के प्रति संवेदनशील होने के लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी 18 मंडलों में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कार्यशाला आयोजित की जा रही हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के बीच मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों व महिलाओं का कोई नहीं है उसके लिए प्रदेश सरकार व उसके समस्त विभाग के अधिकारियों का साथ है। पिछले 5 से 6 सालों में प्रदेश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण व सशक्तिकरण में सकारात्मक बदलाव आया है। मिशन शक्ति योजना से काफी अच्छे संदेश समुदाय व महिलाओं में पहुंचे हैं। इसके अलावा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कौशल विकास, खेलकूद आदि में लगातार गुणवत्तापूर्ण सुधार देखने को मिल रहे हैं। समस्त विभाग मिलकर प्रत्येक क्षेत्र में इसी तरह के बेहतर परिणाम दे सकते हैं।

निदेशक संदीप कौर ने कहा कि प्रदेश के समस्त जनपदों की आवश्यकताओं को देखते हुये मंडल स्तर पर बच्चों व महिलाओं की विभिन्न श्रेणियों के संबंधित गृहों के संचालन की योजना बनाई गई है। साथ ही गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। जिसमें जरूरतमंद बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है। सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों को सुरक्षा, संरक्षण और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है पर इन्हें धरातल पर सशक्त करना हमारा काम है। इन योजनाओं से प्रदेश की महिलाएं सशक्त बनेंगी। साथ ही परिवार भी सशक्त होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी जनपदों में ‘डिस्ट्रिक्ट हब फॉर वूमेन’ की पहल शुरू की गई है। इसका उद्देश्य महिलाओं एवं बालिकाओं से संबन्धित योजनाओं एवं क़ानूनों का प्रचार-प्रसार करना, योजनाओं व कार्यक्रमों पर समुदाय व महिलाओं की पहुँच सुलभ करना, वित्तीय साक्षरता/समावेश, स्किलिंग, कौशल विकास एवं महिला एवं बालिका सशक्तिकरण को बढ़ावा देना तथा अन्य विभागों व स्टेकहोल्डर्स से समन्वय व तालमेल स्थापित करना है।     

जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला के आयोजन से एक ही प्लेटफॉर्म पर महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि जरूरतमन्द पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों व अनाथ बच्चों के अधिकारों, स्पॉन्सरशिप, पति की मृत्यु उपरांत निराश्रित पेंशन, कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना आदि के बारे में समुदाय के साथ - साथ जिला प्रशासन व विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी व सीडीओ के निर्देशन में वाराणसी में जुलाई 2021 से अक्टूबर 2023 तक एक विशेष अभियान चलाकर बाल देखरेख संस्थानों में आवसित कुल 2124 बच्चों का प्रदेश के अंदर, अन्य प्रदेशों में एवं नेपाल, बांग्लादेश में पुनर्वास किया गया है।  

उपनिदेशक महिला कल्याण सुधाकर शरण पाण्डेय ने कार्यशाला के उद्देश्य तथा महिलाओं व बच्चों से संबन्धित विभिन्न संकेतकों को लेकर वाराणसी की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी। राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के एसोसिएट प्रो. डॉ. केए. पाण्डेय तथा आली संस्था लखनऊ की निदेशक व एडवोकेट रेनू मिश्रा ने बच्चों व महिलाओं से संबन्धित क़ानूनों जैसे किशोर न्याय, पॉक्सो, बाल विवाह, बाल श्रम, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण तथा पॉश अधिनियम पर विस्तार से चर्चा की।

महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा व प्रीतेश कुमार मिश्रा ने मिशन वात्सल्य व मिशन शक्ति योजनाओं के अंतर्गत कन्वर्जेंस व अभिसरण के बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की तथा जनपदवार कार्ययोजना के विकास व प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी। 

कार्यशाला में मिशन शक्ति के तहत महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण व सशक्त के लिए संबल व सामर्थ्य से जुड़ीं उप योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन (181 एवं 112), नारी अदालत, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, पालना-राष्ट्रीय क्रेच योजना, सखी निवास-कामकाजी महिला छात्रावास एवं कामकाजी महिला सशक्तिकरण केंद्र प्रमुख रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मण्डल के सभी जनपदों के जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु वार्षिक प्लान बनवायें, उनकी मासिक समीक्षा करें और अंतर्विभागीय कनवर्जेन्स् पर जोर दें। ‘

मिशन वात्सल्य’ योजना के अंतर्गत जनपद, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों के गठन एवं त्रैमासिक समीक्षा बैठक आहूत करते हुये वार्षिक बाल संरक्षण कार्ययोजना की प्रगति की समीक्षा करें। योजनाओं के अंतर्गत रिक्त पदों पर भर्ती की समीक्षा करें। बाल देखरेख संस्थाओं के नियमित निरीक्षण व बच्चों की देखरेख व संरक्षण संबंधी विषयों पर नियमित समीक्षा। इसमें बच्चों की स्थिति एवं उन्हें मूलभूत सुविधाओं जैसे कि भोजन, स्वास्थ्य, काउंसलिंग, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, योग, मनोरंजन एवं खेलकूद की उपलब्धता की स्थिति। विशेषकर संप्रेक्षण गृहों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करें। विभिन्न जनपदों में बाल देखरेख संस्थायें तथा महिलाओं से संबंधित गृहों को संचालित किये जाने की आवश्यकता का आंकलन करें।

कार्यशाला में जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल (वाराणसी), सलीम साई तेजा (जौनपुर), एसएन श्रीवास्तव (चंदौली), संतोष कुमार वैश्य (गाजीपुर), महिला कल्याण विभाग के उप निदेशक प्रवीन कुमार त्रिपाठी एवं पुनीत मिश्रा सहित जनपद वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर से विभिन्न विभागों यथा पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास मिशन आदि के जनपद स्तरीय अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेन्टर, हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेन्ट, आदि के सदस्य मौजूद रहें।