घाटों पर तैनात रहेंगे गोताखोर, डूबने वालों को बचाएंगे, निषादराज सेवा समिति की मीटिंग में लिया निर्णय
वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में सावन किसी उत्सव से कम नहीं। सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ काशी में उमड़ेगी। ऐसे में नाविक समाज भी अपने स्तर से तैयारी में जुट गया है। मां गंगा निषादराज सेवा समिति की सोमवार को राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित मीटिंग में निर्णय लिया गया कि घाटों पर गोताखोरों को तैनात किया जाएगा, जो निःस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करेंगे। गंगा में डूबने वालों को बचाएंगे।
बैठक की शुरुआत बाबा विश्वनाथ के चित्र पर फूल-माला और मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर की गई। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद गुरु ने बनारस के समस्त माझी समाज के आए हुए 14 पाटों के मुखिया सहित घाट के नौका चालकों को शपथ दिलाते हुए कहा कि धर्म की नगरी काशी में बनारस का पूरा माझी समाज अपनी अपने घाटों पर कोई भी कांवरिया अथवा काशी में स्नान करने वाले तीर्थयात्रियों की मदद करेगा। बनारस के समस्त 84 घाटों पर समिति की ओर से निःशुल्क गोताखोर तैनात रहेंगे।
समिति के महानगर अध्यक्ष जितेंद्र साहनी एवं महानगर सचिव प्रकाश साहनी ने बताया कि सभी नौकाधारक कांवरियों तथा तीर्थ यात्रियों को अपनी नौका पर बिना लाइव जैकेट के नहीं बैठाएंगे। यदि कोई भी बिना सुरक्षा उपकरण के यात्री बैठाएगा तो समिति उस नौका चालक पर कठोर कार्रवाई करेगी। मीटिंग में समिति के वरिष्ठ नेता गोपाल प्रसाद निषाद, समिति के युवा नेता मोनू साहनी, राष्ट्रीय सचिव हरिवंद्र केवट, शिवकुमार निषाद, सहाबण माझी, अक्षय, गोलू साहनी, अजीत, बहादुर, रितीक, बबलू भारती, राजेश साहनी, अक्षय यादव, अमित बनी, सुनील साहनी, विशाल आदि रहे।