केवीके में किसानों को धान बीज का वितरण कर, नर्सरी डालने की दी गई जानकारी

 

वाराणसी। मिर्जामुराद क्षेत्र के कल्लीपुर गांव स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा मेरी लाइफ पर्यावरण के लिए जीवन शैली अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके साथ ही प्रथम पंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत धान बीज की उन्नतशील प्रजाति HUR- 917 का किसानों में वितरण किया गया।

इस मौके पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व केंद्र प्रभारी डॉ. नरेंद्र रघुवंशी ने मेरी लाइफ पर्यावरण के लिये जीवन शैली अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण जैसे कि बारिश के पानी का तालाब में संरक्षण, चेक डेम, सूक्ष्म सिंचाई तकनीक पर किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। केंद्र प्रभारी ने किसानों को धान की वैज्ञानिक खेती पर प्रशिक्षण देते हुए नर्सरी प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन तथा फसल उत्पादन संबंधी जानकारी विस्तृत रूप से दी। उहोंने किसानों को बताया कि धान की नर्सरी डालने के पूर्व बीज उपचार करके ही किसान नर्सरी लगाएं। बीज उपचार के लिए सर्वप्रथम बीज को कुछ देर के लिए साफ पानी में भी भिगो दें, उसके पश्चात उपर तैर रहे बीजों को निकाल कर फेंक दे। जब बीज में नमी की मात्रा हो जाए तब उसमे स्ट्रैप्टोमाइसीन सल्फेट 90% एवं टेट्रामाईसीन10% की 5 ग्राम मात्रा को प्रति 25 किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करते हैं। जिससे बीज मे मृदा जनित बीमारियों का प्रकोप नहीं होता है।