Dev Diwali 2023 : देव दीपावली पर लक्ष्मी जी की जल बिहार औजी का भक्तों ने किया दर्शन, मंदिरों में जलाए 21 हजार दीये
वाराणसी। नगर की सामाजिक, सास्कृतिक व साहित्यिक संस्था जनता हिताय समिति के तत्वाधान में लक्ष्मी कुंड में प्रचीन देव दीपावली महोत्सव कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर माता लक्ष्मी जी का जल बिहार औजी का भक्तगणों को दर्शन प्राप्त हुआ। वहीं मंदिरों, सरोवरों के किनारे 21 हजार दीये जलाए गए। विद्यालयों में निबंध, रंगोली समेत अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
शाम पांच बजे से भव्य मंच पर कवि सम्मेलन, विद्यालयों के बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, गायन-वादन-नृत्य की देर रात तक त्रिवेणी बही। इसके कारण दर्शकगण भावविभोर हो गए। तत्पश्चात विभिन्न क्षेत्रों में समाज सेवा करने वाले सम्माननीय विभूतियों को 11 काशी गौरव रत्न एवं 11 काशी भूषण रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर डा. देवी प्रसाद द्विवेदी (डीलिट) (पद्मश्री एवं पद्मभूषण, पूर्व सदस्य यूपी लोक सेवा आयोग, प्रयागराज), वरिष्ठ साहित्यकार, फिल्म निर्माता एवं विश्व वैदिक सनातन न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन्तोष सिंह की अध्यक्षता में विशिष्ठ अतिथि प्रो. राजाराम शुक्ल (नामित निदेशक, मालवीय भवन, काहि.वि.वि, वाराणसी), सम्मानित अतिथि राजेश कुमार (अंधल प्रमुख, इण्डियन बैंक, वाराणसी), पं. चल्ला सुब्बा राव शास्त्री (महन्त, विन्तामणि गणेश), पूनम सिंह (प्राचार्या, कन्या कुमारी विद्यामन्दिर इण्टर कालेज), डा. पीके मुखर्जी समेत सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से कार्यक्रम का श्री गणेश किया।
जनता हिताय समिति ने प्राचीन लक्ष्मीकुण्ड देव दीपावली महोत्सव के आयोजन पर संस्था की ओर से सफल आयोजन के लिए भूरी-भूरी प्रसंसा की गयी। समिति ने प्रर्यावरण संरक्षण हेतु कुण्ड में श्रमदान व लोगों को जागरूक किया। माता लक्ष्मी का भव्य श्रृंगार के साथ ही श्री सूक्त पाठ एवं कनक धारा स्त्रोत एवं माता का 11 ब्राह्मणों के मंत्रवारण के साथ विधि विधान से पूजा, गुलाब, अढउल, नंदा, दौना, शम्मी, कमल पुष्पों से हुआ। कार्यक्रम में आगन्तुओं का स्वागत पीके तिवारी व संस्था के संस्थापक / अध्यक्ष पं. मधूसुदन त्रिपाठी ने की। कार्यक्रम को मूर्तरूप देने वाले कार्यक्रम संयोजक डा. एसएस गांगुली, सह-सांयोजक डाट एकता गुप्ता डा. जयशंकर जय की सराहनीय योगदान रहा। कुशल संचालन शिव प्रकाश साहित्य व महेन्द्र अलंकार ने किया। अतिथियों का माल्यापर्ण गणेश पाण्डेय, ब्रजेन्द्र प्रसाद यादव, प्रतुल खरे, सुधीर चौरसिया, श्यामानन्द गीरी महराज, झरना मुखर्जी, रीना श्रीवास्तव, आरती झा, डा. नसीमा निशा, अनीता सिंह, सुषमा जौनपु कुसुम, सुशीला सिंह, गीता दूबे, विजयलक्ष्मी, पिंकी श्रीवास्तव, अर्चना सिंह रहीं।