कनेक्ट टू कम्यूनिटी फॉर डेंगू कंट्रोल की थीम पर मनेगा डेंगू दिवस, जन-जन तक पहुंचाएंगे हर रविवार - मच्छर पर वार संदेश 

मच्छर जनित व वायरल बीमारी डेंगू के बारे में लोगों को जागरूक करने को लेकर हर साल 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस बार की थीम ‘कनेक्ट टू कम्यूनिटी फॉर डेंगू कंट्रोल’ रखी गई है, जिसके तहत समुदाय को डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जोड़ा जाएगा। संचरण का मौसम शुरू होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की रोकथाम के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसके साथ ही पूर्व से डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए लगातार नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर लार्वीसाइड छिड़काव, फोगिंग और एक हफ्ते से भी अधिक समय से भरे पानी के पात्रों को खाली किया जा रहा है। 
 

वाराणसी। मच्छर जनित व वायरल बीमारी डेंगू के बारे में लोगों को जागरूक करने को लेकर हर साल 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस बार की थीम ‘कनेक्ट टू कम्यूनिटी फॉर डेंगू कंट्रोल’ रखी गई है, जिसके तहत समुदाय को डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जोड़ा जाएगा। संचरण का मौसम शुरू होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की रोकथाम के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसके साथ ही पूर्व से डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए लगातार नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर लार्वीसाइड छिड़काव, फोगिंग और एक हफ्ते से भी अधिक समय से भरे पानी के पात्रों को खाली किया जा रहा है। 


सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि तापमान में कमी होने के साथ-साथ बारिश के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों का प्रसार अधिक होता है। मच्छरों के लार्वा पनपने का अनकूल समय होता है। विभाग का प्रयास इस संचरण चक्र को तोड़ना है जिसमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर्स बेहतर भूमिका निभा रहे हैं। इस कार्य में सामुदायिक सहभागिता भी बेहद जरूरी है। इस साल की थीम का भी यही उद्देश्य है कि डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण व जागरूकता के लिए समुदाय को जोड़कर उनका अपेक्षित सहयोग लिया जाए। सीएमओ ने जनमानस से अपील की है कि डेंगू के प्रति जागरूकता व जानकारी ही इसका बचाव है। डेंगू से बचाव के लिए कहीं भी एक सप्ताह से ज्यादा जल भंडारण न होने दें। सोते समय मच्छर दानी व मच्छर रोधी क्रीम लगाएं। साफ-सफाई का ध्यान रखें। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता द्वारा दिये जा रहे ‘क्या करें, क्या न करें” के संदेशों का अनुपालन भी करें। 


नोडल अधिकारी डॉ एस एस कनौजिया ने बताया कि जनपद में डेंगू दिवस के अवसर पर प्रत्येक सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं कार्यालय स्तर पर गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। विद्यालयों में जन जागरूकता रैली एवं गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिए आशा कार्यकर्ता क्षेत्र भ्रमण के दौरान घर-घर जाकर “हर रविवार मच्छर पर वार” स्लोगन के जरिये जनमानस को जागरूक किया जाए।  


जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि डेंगू, एक से मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है। डेंगू बुखार एक गंभीर फ्लू जैसी बीमारी है जो छोटे बच्चों से लेकर किसी को भी प्रभावित करती है। व्यक्ति में संक्रामक काटने के बाद तीन से चौदह दिनों के भीतर लक्षण विकसित होते है। रोगी जो कि पहले से ही डेंगू से संक्रमित हैं, के लक्षणों की शुरुआत के चार से पांच दिनों के दौरान एडीज मच्छरों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इसलिए शुरुआत में ही जांच व उपचार कर बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने ने बताया कि डेंगू के लिए अभी तक कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं। रोगी के लिए अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों पीना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है। 


डेंगू के लक्षण और बचाव  
तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, सूजी हुई ग्रंथियां या दाने। ये लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं। संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों बाद गंभीर डेंगू एक संभावित घातक जटिलता है जो प्लाज्मा के रिसाव, पानी की कमी, श्वसन संकट, गंभीर रक्तस्राव, या अंग हानि के कारण होता है। इसके अलावा गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी, तेजी से सांस लेना, मसूड़ों से खून आना, थकान, बेचैनी और खून उलटी करना। यदि रोगी का समय से इलाज न किया गया तो अवस्था और भी घातक हो सकती है। जटिलताओं और मृत्यु के जोखिम से बचने के लिए उचित चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है।

एक नजर जनपद के आंकड़ों पर ...
वर्ष 2017 – 722
वर्ष 2018 – 881
वर्ष 2019 – 522
वर्ष 2020 – 13
वर्ष 2021 -  458
वर्ष 2022 – 562
वर्ष 2023 – 451
वर्ष 2024 में अब तक सिर्फ चार मरीज हैं।