निगम ने नहीं चुकाया 71 लाख रुपये किराया, विकास प्राधिकरण का एक्शन, 6 कार्यालयों का आवंटन निरस्त
वाराणसी। विकास प्राधिकरण के शास्त्री नगर योजना के तहत उत्तर प्रदेश वित्तीय निगम को आवंटित 8 कार्यालयों का निगम ने बढ़ा हुआ किराया अदा नहीं किया। कई साल का किराया इकट्ठा होते-होते 71 लाख से अधिक बकाया हो गया। कई बार कहने के बावजूद निगम की ओर से बढ़ा हुआ किराया देने के इनकार कर दिया। इस पर विकास प्राधिकरण ने तगड़ा एक्शन लेते हुए निगम को आवंटित 6 कार्यालयों को आवंटन निरस्त कर दिया है।
उत्तर प्रदेश वित्तीय निगम को वर्ष 1976 में 8 कार्यालय भवन किराए पर आवंटित किए गए थे। उस समय इनका प्रतिमाह किराया 2880 रुपए निर्धारित किया गया था। समय-समय पर जारी शासनादेशों एवं बोर्ड के निर्णय के क्रम में इनके किराए में वृद्धि की गई, किंतु निगम ने हर बार बढे हुए किराए को देने से मना किया गया। बाद में शासनादेश के क्रम में इनको नियमों के अनुसार संपत्ति को क्रय करने का भी प्रस्ताव दिया गया, किंतु उनकी ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश वित्तीय निगम के ऊपर प्राधिकरण का जून 2024 तक 71, 25,610 रुपये बकाया हो गया था। शासनादेश के क्रम में उक्त कार्यालय भवनों का वर्तमान मूल्यांकन करते हुए इनको कार्यालय भवन 2,32,31,066 में क्रय करने का भी प्रस्ताव दिया गया। बकाया किराया जमा करने के लिए कई नोटिसे भी दी गई।
संपत्ति अधिकारी एवं अन्य प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर के बकाया किराया जमा करने अथवा भवन खाली करने के लिए भी सचेत किया। इसके बावजूद निगम ने धनराशि जमा नहीं कराई। निगम की ओर से आदेशों की अवहेलना करने, नोटिस की उपेक्षा करने, उपाध्यक्ष के जाने के पश्चात भी बकाया धनराशि जमा न करने पर आठ कार्यालय भवन में से 6 कार्यालय भवनों का आवंटन निरस्त कर दिया गया। सचेत किया गया कि एक सप्ताह के अंतर्गत 6 कार्यालय भवन को खाली करके अवगत कराएं अन्यथा की स्थिति में विधिक कार्रवाई करते हुए प्राधिकरण की ओर से खाली कराया जाएगा।