छोटा गुदरदास अखाड़ा के ब्रह्मलीन महंत रामाधीन दास महाराज की मनाई गई 13वीं पुण्यतिथि
असि मुमुक्षु भवन के सामने स्थित छोटा गुदरदास अखाड़ा (राघव मंदिर) के पूर्व महंत ब्रह्मलीन स्वामी रामाधीन दास महाराज की 13वीं पुण्यतिथि रविवार को श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित पुण्यतिथि महोत्सव का शुभारंभ सुबह 9 बजे पातालपुरी पीठाधीश्वर स्वामी बालक देवाचार्य महाराज, विशिष्ट अतिथि कमच्छा स्थित ठाकुरवादी के महंत रामकरण दास, और राजा दरवाजा स्थित राम जानकी मंदिर के महंत रामशरण दास ने संयुक्त रूप से ब्रह्मलीन महंत के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन करके किया।
श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी बालक देवाचार्य महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामाधीन दास महाराज ने सनातन धर्म के उत्थान और प्रचार-प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके हृदय में दीन-दुखियों के प्रति अपार करुणा थी। उन्होंने छोटा गुदरदास अखाड़ा में नित्य भंडारे का आयोजन शुरू किया, जिसके माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों का भरण-पोषण किया जाता था। इसके साथ ही, उनके द्वारा मंदिर में शुरू किया गया अखंड राम नाम संकीर्तन आज भी अनवरत जारी है। सनातन धर्म के प्रति उनकी निष्ठा और वेद-उपनिषद के ज्ञान के साथ-साथ संस्कृत भाषा के उत्थान में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
विशिष्ट अतिथि महंत रामकरण दास और महंत रामशरण दास ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामाधीन दास एक सच्चे साधक थे, जिनके मन में दीन-दुखियों की सेवा की सतत इच्छा थी। ऐसे संत को शत-शत नमन। समारोह में छोटा गुदरदास अखाड़ा के वर्तमान महंत स्वामी सिया रामदास महाराज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्रवण दास महाराज ने किया।
इस अवसर पर भागवत हंस विनोद त्रिपाठी, मिथिला से पधारे रामदास महाराज, सीतामढ़ी से पधारे रामकिशोर दास सहित अनेक संत-महात्मा उपस्थित थे। श्रद्धांजलि समारोह के पश्चात आश्रम में भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही, भजन सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें नगर के कलाकारों ने ब्रह्मलीन महंत के चरणों में अपनी भावपूर्ण भक्ति अर्पित की।