चौबेपुर: मामूली विवाद में दो पक्षों में जमकर चले ईंट-पत्थर, बुजुर्ग की मौत

 
वाराणसी। चौबेपुर थाना अंतर्गत संदहा गांव की मेवड़ी बस्ती में छत का बारजा निकालने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। बवाल इतना बढ़ा कि दोनों ओर से ईंट-पत्थर चलने लगे। इस पथराव में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। वहीँ पांच लाग घायल भी हो गए हैं। प्रकरण में चौबेपुर थाने में आठ लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। 

जानकारी के मुताबिक, चौबेपुर क्षेत्र के संदहा गांव की मेवड़ी बस्ती में रहने वाले गोपाल (69 वर्ष) मजदूरी करते थे। पड़ोस में ही उनके पट्टीदार सगे भाई हीरा और रामजी का मकान है। रामजी के मकान में इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है। रामजी के मकान की छत का बारजा निकालने को लेकर गोपाल के परिवार से विवाद चल रहा था। कुछ दिन पहले राजस्व विभाग की टीम ने जमीन की पैमाइश भी कराई थी। उसके बाद भी विवाद नहीं सुलझ सका था।

रविवार को रामजी के परिवार के सदस्य अपने मकान की छत का बारजा फिर बनवाने लगे। इसे लेकर गोपाल के परिवार से कहासुनी शुरू हुई। मामला तूल पकड़ा तो रामजी के परिवार के सदस्य छत से ईंट-पत्थर चलाने लगे। पथराव में गोपाल, उनकी पत्नी बुलाकी देवी और उनके पक्ष के राजेश, संजय, नगीना व पुष्पा घायल हो गई। सभी को पीएचसी चिरईगांव ले जाया गया। गंभीर रूप से घायल गोपाल को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

सूचना पाकर चौबेपुर थानाध्यक्ष फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और बुजुर्ग का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। इस संबंध में चौबेपुर थानाध्यक्ष विद्या भूषण शुक्ला ने बताया कि बुजुर्ग के बेटे मनोज की तहरीर के आधार पर राजेंद्र, पप्पू, राजकुमार, पिंटू, जीऊत और छोटू सहित आठ लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस चौकी में घंटों में चली थी पंचायत 

रविवार की दोपहर दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हुई तो सूचना पाकर डायल 112 की पुलिस मौके पर पहुंची थी। दोनों पक्षों को चिरईगांव पुलिस चौकी बुलाया गया। दोनों पक्ष पुलिस के सामने पुनः जमीन की पैमाइश कराकर बारजा निर्माण कराने पर सहमत हुए। आरोप है कि रामजी के परिवार के लोग घर आए तो पुन: छत का बारजा बनवाना शुरू कर दिए। इसका विरोध गोपाल और उनके परिजनों ने किया तो बात बढ़ गई। इसके साथ ही रामजी के परिवार के लोगों ने गोपाल और उनके परिजनों पर पथराव शुरू कर दिया।