सं.सं.वि. में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र का कुलाधिपति व राज्यपाल करेंगे उद्घाटन 

 

वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में वाराणसी के ऐतिहासिक मुख्य भवन में पूर्वाह्न 11 बजे, 25 नवंबर 2023 को आयोजित होने वाले 41 वें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल के हाथों ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लैब/ स्टूडियो एवं केंद्र को संचालित करने का लोकार्पण/उद्घाटन किया जाएगा। 

कुलपति प्रो. शर्मा ने बताया कि संस्कृत देववाणी के साथ- साथ भारतीय ज्ञान परम्परा, संस्कार, संस्कृति की संवाहक तथा भारत की आत्मा है। यह सुख, शांति और आनंद की भाषा है। संस्कृत जन-जन के मन की भाषा बने इस दिशा में संस्कृत विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों को संयुक्त प्रयास करने की दिशा में एक सोपान है। मुझे विश्वास है कि एक न एक दिन यह जनभाषा अवश्य बनेगी। एतदर्थ हमने अनेक रोज़गारपरक पाठ्यक्रम संचालित किया है।  

ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के अंतर्गत प्रारम्भ हो रहे, विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से आम जन को मिलने वाले लाभ को रेखांकित करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा शिक्षण, अर्चक, कर्मकाण्ड, ज्योतिष, वास्तु विज्ञान, योग, व्याकरण, दर्शन, वेदांत एवं वेद आदि अनेकों ऐसे विषय हैं, जो रोजगारपरक एवं जनोपयोगी है। जिसमें बढ़- चढ़कर सभी ने इस पाठ्यक्रम में लगभग 750 प्रवेश प्राप्त कर लिए हैं। इसके साथ अभी भी लोगों की मांग है कि प्रवेश पुनः खोले जाएं जिससे और लोगों को भी इस उपयोगी पाठ्यक्रम का लाभ प्राप्त हो सके।

कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा सरल और आन्तरिक अनुशासन की भाषा है। संस्कृत भाषा के अभिवृद्धि के लिए ऑनलाइन माध्यमों से विषय विशेषज्ञों के द्वारा इन पाठ्यक्रमों में अध्यापन कराया जाएगा। भारतीय ज्ञान परम्परा के सूत्र संस्कृत भाषा में ही निहित हैं। वेदादिशास्त्रों के ज्ञान के बिना भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों का यथार्थ ज्ञान सम्भव नहीं है।