बनारस समेत पूर्वांचल में तेजी से बढ़े साइबर अपराध के मामले, जानिए इनके हथकंडों से बचने के तरीके

 

वाराणसी। लंका के रहने वाले मुकेश शर्मा (बदला हुआ नाम) को फेसबुक पर किसी लड़की के नाम से एक रिक्वेस्ट आया। उन्होंने उस फेसबुक आईडी की जांच पड़ताल की, जिसमें उन्हें उसके फेक होने का कहीं से भी सन्देह नहीं हुआ। उन्होंने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लिया। इसके बाद बातचीत शुरू हुई। महिला ने स्वयं को ब्यूटी पार्लर में कार्यरत बताया। कहानी आगे बढ़ी। दोनों ने एक दूसरे का व्हाट्सएप्प नंबर भी शेयर किया। फेसबुक से शुरू हुई कहानी अब व्हाट्सएप्प पर आ पहुंची। 

इसके बाद महिला ने विडियो कॉल पर सेक्स करने की बात कही। शौक़ीन शर्मा जी ने बिना शरमाए, बिना कुछ सोचे समझे, महिला के साथ विडियो कॉल पर संपर्क में आ गए। नतीजन सामने वाले व्यक्ति ने उनका विडियो रिकॉर्ड करते हुए मॉर्फ कर लिया। अब उन्हें दूसरे नंबर से कॉल आया, जिसमें उनसे विडियो वायरल न करने के बदले भारी भरकम रकम की डिमांड की गई। समाज में बेइज्जती के भय से उन्होंने बताए हुए अकाउंट डिटेल्स में पैसे ट्रांसफर करा दिए। 

यही घटना मैदागिन क्षेत्र के रहने वाले प्रकाश वर्मा (बदला हुआ नाम) के साथ भी घटित हुई। प्रकाश अपनी फैमिली के साथ घर पर बैठकर टीवी देख रहे थे। एक अपरिचित नंबर से उनके मोबाइल पर विडियो कॉल आया। उसके बाद सामने वाले ने उनका विडियो रिकॉर्ड कर लिया। जिसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा। समाज और परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें ब्लैकमेलर्स को मुंह मांगी रकम देनी पड़ी। 

यह कहानी केवल किसी मुकेश या किसी प्रकाश की नहीं है, यह कहानी हर दूसरे व्यक्ति की है, जिसके साथ साइबर अपराध की घटना घटित होती है। कभी शेयर मार्केट में पैसा लगवाने के नाम पर, कभी जालसाजों द्वारा एटीएम बदलकर खाते से पैसा उड़ा देना, वर्क फ्रॉम होम वाली नौकरी, या फिर यूट्यूब अथवा टेलीग्राम सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के नाम पर ऐसी घटनाएं होना अब आम हो गए हैं। कई मामलों में तो लोग पैसे ने चुका पाने पर समाज में इज्जत जाने के डर से सुसाइड भी कर लेते हैं। 

ऐसा नहीं है पुलिस प्रशासन इन पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। ऑनलाइन ठगी करने वाले अक्सर गिरफ्तार भी हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इन्होने देश के कई हिस्सों में अपना गैंग फैलाकर रखा हुआ है। जो दूर कहीं बैठकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को अपना निशाना बनाते हैं और उनसे धनउगाही करते हैं। पुलिस प्रशासन के ओर से ऐसे अपराधों से बचने के लिए अलग थाने बनाए गए हैं। साथ ही साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। इसके अलावा साइबर थानों के ओर से अक्सर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। बावजूद इसके लगोग ठगी का शिकार हो जा रहे हैं। 

साइबर विशेषज्ञों की मानें तो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर नामी-गिरामी लोगों के अकाउंट, आईडी या वाट्सएप नंबर पर गिरोह के लोग फोकस करके वीडियो कॉल कर रहे हैं। क्योंकि नामी-गिरामी लोग जब इस तरह की घटना के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं तो उन्हें गिरोह के लोग ऐसे लोगों को आसानी से ब्लैकमेल करने लगते हैं। साइबर एक्सपर्ट भी इस बात से इत्तफाक रखते हैं कि नामी-गिरामी लोगों को इस इस तरह की गैर कानूनी गतिविधि में फंसाने की प्राथमिकता गिरोह के लोग रखते हैं।

वाराणसी में भी डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेशनल ही नहीं मीडिया जगत से जुड़े लोग, सोशल वर्कर्स, प्रौढ़ और युवा लोग भी इनके शिकार हुए हैं और निरंतर हो रहे हैं। बात वहीं आकर ठहरती है कि तमाम लोग लोकलाज के भय से साइबर सेल या अपने मित्र-यार से बताने से कतरा जाते हैं। कुछ लोग हिम्मत करते हैं तो उनको तमाम पापड़ बेलने पड़ते हैं। हाल ही में ऐसे मामले पुलिस के पास और रिपोर्ट हुए हैं, जिनमें वीडियो कॉल के जरिये अश्लील जाल में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेलिंग के लिए धमकाया गया।

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो डिजिटल अपराधी हर दिन तरह-तरह से लोगों को लूटने और ब्लैकमेल करने के तरीके अपना रहे हैं। हालांकि उनके निशाने पर ज्यादातर युवा, प्रौढ़ और रिटायर लोग होते हैं। पुरुषों को लड़कियों और महिलाओं को युवा लड़कों के डिजिटल आमंत्रण  भेजकर फंसाया जाता है। सावधानी इसी में हैं कि ऐसे अनजान लोगों को सीधे ब्लॉक करें और उनसे किसी भी तरह की बातचीत न करें। अगर गलती से उनके चंगुल में फंस गए हैं तो अपनों से जरूर शेयर करें। देश भर में ऐसे हजारों मामले आजकल रोज सामने आ रहे हैं और लोग एक-दूसरे को बता तक नहंी रहे।

आपके मोबाइल के जरिए अब अपराधी आपके बेहद करीब है। आपकी कमजोरियों का पता लगाकर बिना अपहरण, डकैती या लूट किये वह आपको लूटते हैं। एक खूबसूरत डीपी वाली लड़की से थोड़ी सी बात करना आपको भारी पड़ सकता है। मीठी बातों, ट्रिक फोटोग्राफी और वीडियो शेयरिंग से कुछ ऐसा मसाला तैयार कर लेते हैं, जिससे आपको ब्लैकमेल किया जा सके।

फांसने के लिए करते हैं चैट और न्यूड वीडियो कॉल

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो वाट्सएप पर अनजान नंबर से हाय का मैसेज आता है। पूछा जाता है, हां जी बताएं? फिर ऐसा सिलसिला शुरू होता है कि आपके रोंगटे खड़े हो जाए। कोई शातिर अपराधी आपको सेक्सटॉर्शन का टारगेट बना रहा होता है। वीडियो कॉल पर चेहरा दिखाने की जिद भी करता है यानी सेक्सटॉर्शन के लिए शिकार का वीडियो बनाने के लिए चेहरा अहम होता है।
यदि आप ऐसे अपराधी की बातों में समा गए तो समझिए फंस गए और गए काम से। इसमें धन-दौलत तो जाती ही है, आपकी इज्जत को भी बट्टा लगता है। पोल खुलने पर समाज में आपको हिकारत भरी निगाहों से देखा जाता है। कहा तो यहां तक जाने लगता है कि देखा राजा, बुढ़ौती में चलनन ह इश्क फरमावे।

क्या है न्यूड कॉल स्कैम?

न्यूड कॉल स्कैम में अपराधी आपको वाट्सएप, फेसबुक या दूसरे सोशल मीडिया के जरिये एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल या मैसेज आएगा। आप उसे उठाते हैं तो कोई महिला आपसे बात करना शुरू कर देगी। बात करते-करते आपकी दोस्ती हो जाएगी, जिसके बाद वह आपको वीडियो कॉल करेगी। अगर आप इस वीडियो कॉल में शामिल हुए तो इसी दौरान अपराधी आपकी फोटो या वीडियो कैप्चर कर लेगा और फिर उसे मॉर्फ कर देगा। अपराधी आपकी तस्वीर को न्यूड फोटो या वीडियो में तब्दील कर देगा और उसे वायरल करने की धमकी देगा। इन धमकियों के बीच वह आपसे भारी रकम की मांग करेगा।

कई लोग न्यूड फोटो या वीडियो देखकर काफी डर जाते हैं और बदनामी से बचने के लिए वे ऐसे जालसाजों के शिकार हो जाते हैं। साथ ही ब्लैकमेलर को उनकी मांग के मुताबिक पैसे देने को मजबूर हो जाते हैं। अपनी इज्जत को बचाने के लिए लोग ठगों को पैसे दे देते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे बहुत ही कम लोग हैं, जो पुलिस में केस दर्ज कराते हैं। हाल में ऐसे बहुत मामले सामने आए हैं। आपके साथ भी ऐसा न हो, इसलिए अनजान वीडियो कॉल से सावधान और सुरक्षित रहें।


कैसे बचे न्यूड कॉल स्कैम से?

आपको अगर न्यूड कॉल स्कैम (Cyber Fraud) से बचना है तो सबसे पहले सोशल साइट पर जितने भी अकाउंट है, उन अकाउंट में किसी भी अनजान शख्स को अपना दोस्त न बनाएं। पहले आप फे्रंड रिक्वेस्ट भेजे गए शख्स के बारे में अच्छे से पड़ताल कर लें। अगर आप उसे नहीं जानते हैं तो आप उसे अपना दोस्त न बनाएं। फिर भी अनजाने में आप उनको अपना दोस्त बना भी लेते हैं तो उसके वीडियो कॉल को रिसीव न करें।

गलती से आप उनका वीडियो रिसीव भी कर लेते हैं तो अपना चेहरा कैमरे के सामने न लाए, इससे आप इस न्यूड कॉल स्कैम से बच सकते हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो हर महीने ऐसे 10 से 15 मामले सामने आ रहे हैं। मगर ज्यादातर मामलों में लोग अपनी बदनामी के डर से पुलिस केस नहीं करवाना चाहते हैं।

वाराणसी के पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन बताते हैं कि किसी को भी बैंक की डिटेल या ओटीपी ना शेयर करें।  वर्तमान में आवाज बदलकर भी साइबर ठगी का काम तेजी से हो रहा है। ऐसे में सतर्क रहने की आवश्यकता है। कोई अननोन नंबर आए तो तुरंत नजदीकी थाने या साइबर क्राइम सेल पर संपर्क करें। क्रिप्टो करेंसी के जरिए भी साइबर ठगी का काम तेजी से हो रहा है। ऐसे में इन सभी से बचने के लिए सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। 

साइबर एकसपर्ट्स की सलाह

1. किसी भी अनजान नंबर से आए वीडियो कॉल (Cyber Fraud) को कभी पिक नहीं करें।
2. वॉट्सएप या फेसबुक पर वीडियो सेक्स कॉल के झांसे में कत्तई ना आएं।
3. अगर गलती से कॉल पिक हों जाए या झांसे में आ गए तो घबराएं नहीं।
4. अपने फोन के सभी नंबरों को ब्लॉक कर दें और फेसबुक को भी बंद कर दें।
5. वीडियो वायरल की धमकी दें तो साइबर थाने या आईएफएसओ में शिकायत करें।
6. 1930 पर कॉल या Cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।