रामनगर क्षेत्र में गरजा प्रशासन का बुलडोजर, विरोध के बाद भी गिराए गए कई घर

 

रिपोर्ट- डॉ० राकेश सिंह

वाराणसी। पड़ाव-रामनगर मार्ग चौड़ीकरण में बाधक बन रहे निर्माण को ध्वस्त करने के लिए बुधवार को एक बार फिर बुलडोजर सहित्यनाका इलाके में गरजा। बुधवार की पूर्वान्ह पुलिस फोर्स के साथ पीडब्ल्यूडी के अधिकारी नगर के साहित्यनाका मोड़ के समीप पहुंचे। जहां दो मंजिला निर्माण सहित लगभग एक दर्जन से ज्यादा मकान व दुकान को जेसीबी से गिराया गया। हालांकि जिन्हें अभी तक मुआवजा या क्षतिपूर्ति नहीं मिला है, उन्होंने अपने मकान पर बुलडोजर नहीं चलने दिया।

व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश जायसवाल ने कहा कि मुआवजा के लिए कई बार अधिकारियों संग बैठक हुई। हर बार आश्वासन दिया गया। अब विभाग आर ओ डब्ल्यू (राइट टू वे) काट कर मुआवजा देने की बात कर रहा है। जबकि अब तक हुई बैठकों में एक बार भी आर ओ डब्ल्यू काटने का जिक्र विभाग द्वारा नहीं किया गया। 

पीडब्ल्यूडी के एई विनोद कुमार सिंह का कहना है कि पीडब्ल्यूडी की दोनों तरफ 9-9 मीटर सरकारी जमीन पर बने भवनों का ही आर ओ डब्ल्यू काटा जा रहा है। बुधवार को उन लोगों के निर्माण गिराए गए, जिन्हें मुआवजा दिया जा चुका है। यह अभियान अभी दो दिन और चलेगा।

बता दें कि पड़ाव से रामनगर तक फोर लेन सड़क निर्माण प्रस्तावित है। जिसके लिए सड़क चौड़ीकरण किया जा रहा है। पड़ाव से रामनगर पीएसी तक काफी कार्य हो चुका है, लेकिन चौक चौराहे से साहित्यनाका क्षेत्र तक के व्यस्त इलाके में मुआवजे की मांग को लेकर गतिरोध उभर आया था। व्यवसायियों ने बिना मुआवजा दिए निर्माण गिराए जाने का जबरदस्त विरोध शुरू कर दिया था। कई बार विरोध और पंचायत के बाद यह तय हुआ कि मुआवजा मिलने के बाद ही निर्माण ध्वस्त किये जायेंगे।

इधर प्रभावित लोगों के निर्माण की मापी करने के बाद धीरे धीरे लोगों के बैंक खातों में मुआवजे की धनराशि भेजी जाने लगी। दो दिन पहले लोक निर्माण विभाग ने इस बाबत मुनादी कराई थी कि बुधवार से तीन दिन तक ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जाएगा। इसी क्रम में पूर्वान्ह से ही साहित्यनाका क्षेत्र में बुलडोजर गरजने लगा।