वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर भाजपा की कार्यशाला, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर ने बताया गरीब मुसलमानों के हक का हथियार

 
वाराणसी। वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के तहत गुलाब बाग, सिगरा स्थित भाजपा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि और वक्ता भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के प्रमुख पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने वक्फ संपत्तियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से लेकर वर्तमान समय तक के दुरुपयोग का गंभीर चित्रण करते हुए कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखे प्रहार किए।

मनीष कपूर ने कहा कि वक्फ की अवधारणा वर्ष 1185 में सामने आई थी और मुगल काल में इसका विस्तार हुआ। वक्फ का मूल उद्देश्य गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए था, लेकिन कांग्रेस और विपक्षी नेताओं ने अल्पसंख्यक समुदाय के बीच भय का माहौल बनाकर उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं और ओवैसी जैसे नेताओं ने वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर आम मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित किया।

कपूर ने बताया कि वर्तमान में वक्फ संपत्तियों पर करीब 5000 मुकदमे वक्फ ट्रिब्यूनल में लंबित हैं और लगभग 70% संपत्तियां अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। 2006 में प्रकाशित सच्चर कमेटी रिपोर्ट और 2018 की केंद्रीय वक्फ परिषद रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने बताया कि देश में वक्फ संपत्ति की कीमत 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, लेकिन इसका लाभ गरीब मुसलमानों को नहीं मिल पा रहा है। वक्फ बोर्डों में वित्तीय पारदर्शिता की गंभीर कमी है और गरीब मुस्लिम छात्रवृत्तियों तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भारी मात्रा में दुरुपयोग हुआ है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि चेन्नई में कई सौ साल पुरानी निजी संपत्तियों को अचानक वक्फ घोषित कर दिया गया, जिससे आम मुसलमानों की पुश्तैनी जमीनें भी छीन ली गईं। कपूर ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने 2013 के वक्फ संशोधन अधिनियम के तहत वक्फ बोर्डों को असीमित शक्तियां प्रदान कीं, जिससे संपत्ति अधिग्रहण में मनमानी और अतिक्रमण को बढ़ावा मिला।

भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 इसी अनियंत्रित व्यवस्था में सुधार के लिए लाया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य वक्फ प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना, मनमानी संपत्ति अधिग्रहण को रोकना और धार्मिक स्वतंत्रता व समानता की रक्षा करना है। उन्होंने बताया कि नए अधिनियम के तहत वक्फ बोर्डों की मनमानी शक्तियां समाप्त कर दी गई हैं, धारा 40 को हटाया गया है, और सरकारी संपत्तियों पर वक्फ के दावों को समाप्त करने का प्रावधान किया गया है।

अधिनियम में आदिवासी संपत्तियों और संरक्षित स्मारकों को वक्फ के दायरे से बाहर रखा गया है। पसमांदा और बोहरा समाज जैसे अल्पसंख्यक वर्गों के लिए अलग वक्फ बोर्ड का प्रावधान किया गया है। वक्फ ट्रिब्यूनलों का पुनर्गठन कर उनमें अधिवक्ता, शिक्षक, चिकित्सक और बहुसंख्यक समाज के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है, ताकि निष्पक्ष निर्णय हो सके। अब वक्फ ट्रिब्यूनल के निर्णय के विरुद्ध अदालत में अपील करने का अधिकार भी दिया गया है।

कार्यशाला की अध्यक्षता भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का हर वर्ग, विशेषकर अल्पसंख्यक समाज आगे बढ़े और इसी दिशा में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने महाकुंभ में मुस्लिम समाज द्वारा श्रद्धालुओं की मदद को गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बताया और कहा कि भाजपा समाज को बांटने वालों को कभी कामयाब नहीं होने देगी।

कार्यक्रम संयोजक आत्मा विशेश्वर ने प्रस्तावना प्रस्तुत की, संचालन जगदीश त्रिपाठी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन शकील अहमद ने दिया। इस अवसर पर महापौर अशोक कुमार तिवारी, वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम प्रकाश कपूर, नवीन कपूर, अशोक पटेल, नम्रता चौरसिया, चन्द्रशेखर उपाध्याय, अभिषेक मिश्रा, मधुकर चित्रांश, आलोक श्रीवास्तव, इंजीनियर अशोक यादव, साधना वेदांती, एडवोकेट अशोक जाटव, डॉक्टर गीता शास्त्री, महानगर मीडिया प्रभारी किशोर सेठ सहित अन्य मंडल अध्यक्ष व मोर्चों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।