हृदय रोगियों की संजीवनी: 2 करोड़ की मशीनी लागत से सुसज्जित हुआ बीएचयू का कार्डियोलॉजी विभाग
वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तरीय पहचान रखने वाले बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग ने शुक्रवार को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रकाश बिखेरा है। मरीजों के लिए वरदान बनने वाले 2 करोड़ की लागत से दो नई मशीनों से हृदय रोगियों के रक्त वाहिकाओं की सूक्ष्म और सटीक चिकित्सा का मार्ग शुक्रवार को प्रशस्त हो गया। इस उपलब्धि का श्रेय भारतीयों को संपूर्ण चिकित्सा मिलने के पक्षधर और भागीरथी प्रयास करने वाले कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. ओम शंकर को जाता है।
उद्घाटन करने आये भारतीय चिकित्सा विज्ञान बीएचयू के निदेशक डॉक्टर एस. एन. शंखवार ने भी डॉ. शंकर की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें तथा मरीजों को शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन के दौरान शंखवार ने कहा कि इस मशीन की स्थापना से बीएचयू जहां विश्व के गिने चुने संस्थानों में एक हो गया है। वहीं मरीजों के लिए विश्व स्तरीय उन्नत तकनीक से विकसित यह मशीनें संजीवनी बनेंगी।
एचओडी डॉ. ओम शंकर ने पत्रकारों से कहा कि विश्व स्तर की यह टेक्नोलॉजी उनके मुहिम तथा डॉक्टरों और मरीजों के लिए सकारात्मक परिणाम ही नहीं देंगी, अपितु चिकित्सा के क्षेत्र में इंट्रा वैस्कुलर अल्ट्रासाउंड मशीन (आईवीयूएस) तथा इंट्राकार्डियल अल्ट्रासाउंड (आईसीई) पहले की मशीनों की तुलना में क्रांतिकारी साबित होगा। कहा कि हम इस मशीन की सटीकता से जहां बाईपास सर्जरी के आधिकारिक मरीजों का समाधान बगैर बाईपास के कर सकेंगे। वहीं दो छल्ले पड़ने वाले रोगियों में एक ही छल्ला प्लांट कर उनका निदान कर सकेंगे।
डॉ. शंकर ने इस मशीन की विशेषता बताते हुए कहा कि पहले हमें नसों के अंदर का हाल ऊपर से समझाना पड़ता अब यह नई मशीन नसों के अंदर की भी अल्ट्रासाउंड कर नसों के अपशिष्ट मसलन नसों में जमा कैल्शियम, कोलेस्ट्रॉल आदि की सफाई कर मरीजों को और बेहतर परिणाम देंगे। उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि निर्देशक भारतीय चिकित्सा विज्ञान बीएचयू के डॉ. एस एन शंखवार, कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. ओम शंकर, मेडिका सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कोलकाता के डायरेक्टर डॉ. दिलीप, अनुभाग अधिकारी हृदय रोग जीतेंद्र कुमार समेत तमाम लोगों की मौजूदगी रही।