BHU वीसी ने नवप्रवेशी छात्राओं से किया संवाद, लक्ष्य प्राप्ति का दिया मंत्र
वाराणसी। बीएचयू कुलपति प्रोफेसर सुधीन जैन ने विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में नवप्रवेशी छात्राओं के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्हें लक्ष्य प्राप्ति के मंत्र दिए। साथ ही जीवन में बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच, स्वयं पर विश्वास एवं दृढ निश्चय के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में निरंतर अग्रसर रहना चाहिए। अपने विद्यार्थी जीवन का भरपूर लाभ उठाएं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के चौतरफा विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य से विश्वविद्यालय में विद्यार्थी कल्याण, नेतृत्व विकास एवं जीवन कौशल विकसित करने हेतु कई पहल की गई है। उन्होने कहा कि इन पहलों के तहत आयोजित हो रही गतिविधियो में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की भागीदारी उत्साहजनक है। छात्राओं के साथ अपने विद्यार्थी जीवन के अनेक संस्मरणों को साझा किया और बताया कि अपने लक्ष्य के प्रति दृढ निश्चय की मदद से उन्होने तमाम रुकावटों को पार किया।
उन्होने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए सफलता के मापदंड व परिभाषा भिन्न-भिन्न होती है। इसलिए किसी एक व्यक्ति की प्रगति की किसी दूसरे व्यक्ति की सफलता की तुलना तर्कसंगत नही है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में सबसे आवश्यक यह है कि हम एक अच्छा व्यक्ति बनने की ओर प्रयास करें और यह सीखें कि कैसे हम सबको साथ लेकर और सभी के पारस्परिक विकास व उन्नति की दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं। सिर्फ किताबी ज्ञान तथा कक्षाओं की सीमा में बंध कर ही हम उन्नति नहीं कर सकते। जीवन की परिस्थितियों व कसौटियों का सामना कर व्यवहारिक सीख हमारे व्यक्तित्व एवं चारित्रिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सीखने की प्रक्रिया जीवन भर अनवरत चलती है।
जिस तरह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी कोच के मार्गदर्शन से प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी करते हैं उसी प्रकार हमें भी हमेशा नयी चीजों व नए सबक सीखने के लिए तत्पर रहना चाहिए। संवाद कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव, प्रो. अरुण कुमार सिंह, महिला महाविद्यालय के अनेक शिक्षक, शिक्षिकाएं, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में नव प्रवेशी छात्राएं उपस्थित रही। प्राचार्य प्रो. रीता सिंह ने स्वागत संबोधन के साथ कुलपति का आभार जताया। डॉ. वैशाली रघुवंशी ने कार्यक्रम का संचालन किया। प्रो. ललिता वत्ता, प्रो. नीलम श्रीवास्तव, प्रो. निशत अफरोज, एवं प्रो. सीमा तिवारी ने पूरे कार्यक्रम का समन्वयन किया।